शिवम दुबे, Raipur, छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ट्वीटर पर जंग छिड़ गई है। ट्वीटर पर जंग इस कदर चल रही है कि मानों छत्तीसगढ़ की पूरी सियासत ट्वीटर पर ही टिकी है। ट्वीटर वार कि शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से हुई है क्यों कि रमन सिंह ने 16 फरवरी शाम लगभग 6 बजे ट्वीटर पर सीएम भूपेश के लिए ट्वीट्स की झड़ी लगा दी। इसका जवाब मुख्यमंत्री ने करीब रात 10 बजे देते हुए एक के बाद एक लगाताप 7 ट्वीट्स किए हैं। जिसे देख कर लग रहा है कि छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच ट्वीटर वार शुरु होगया है। इस पूरे ट्वीटर वार में एक तरफ भूपेश बघेल पूर्व मुख्यमंत्री को ठाकुर साहब बोलते दिखे तो वहीं दूसरी ओर रमन सिंह ने दाऊ जी कहकर संबोधित किया है।
ट्वीटर वार की शुरुआत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ट्वीट से हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि
“ठाकुर साहब! सवाल NIA की जांच पर नहीं, सवाल कथित नक्सली हत्या के षडयंत्र की जांच पर है। षडयंत्र की जाँच हमारी पुलिस करती है तो NIA अपना क्षेत्राधिकार बताकर जाँच अपने हाथ में ले लेती है। आयोग बनाते हैं तो धरमलाल कौशिक जी न्यायालय से स्टे ले आते हैं।”
इसका जवाब देने में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने देर नहीं की और ट्वीटर पर लिखा कि
“जनता को कितना गुमराह करोगे दाऊ जी, सवाल सिर्फ एक है कि यह दोहरा चरित्र क्यों? अब कोई इस ट्वीट में "झीरम" शब्द ढूंढ कर दिखा दे, उस जांच पर तो पूरी स्वतंत्रता थी क्या नतीजा निकला? 5 साल होने को आए हैं, जेब से सबूत तो नहीं निकले लेकिन ED ने कांग्रेसी "करतूत" जरूर ढूंढ निकाली है।“
जिसके बाद सीएम के सभी ट्वीट्स का पूर्व सीएम ने ट्वीटर पर ही जवाब दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि
“ऐसा है ठाकुर साहब कि 15 वर्षों के आपके शासन के बाद जो राज्य आपने छोड़ा वह 39.9 प्रतिशत ग़रीबों के साथ देश का सबसे ग़रीब राज्य था। यह आपकी लूट खसोट का परिणाम ही था। गरीबों के हितों पर घड़ियाली आंसू बहाना कम से कम आपको तो शोभा नहीं देता।“
जिसका पलटवार करते हुए पूर्व सीएम रमन सिंह ने लिखा कि
“55000 करोड़ का कर्ज लेकर कांग्रेसी सरकार ने तो छत्तीसगढ़ को इटली बनवा दिया है न? न सड़क बनी.. न स्कूल बने.. न कहीं कोई विकास हुआ.. तो फिर यह सारा पैसा लेकर जो छःग को कर्ज में लाद दिया है उसका कोई जवाब है आपके पास या वो भी 10 जनपथ छोड़ आए हो?”
सीएम भूपेश बघेल के एक ट्वीट का जवाब देते हुए पूर्व सीएम रमन सिंह ने कोयला घोटाला और ईडी के केस को रिलेट किया है। हालांकि यह कह पाना बहुत कठिन है कि रमन सिंह ट्वीट में वही विवरण है। लेकिन सीएम ने ट्वीट में लिखा है कि
“ये बाहरी लोग कौन से छाप के थे ये भी जनता को बता दीजिए ठाकुर साहब!”
जिसका रिट्वीट करते हुए रमन सिंह ने लिखा है कि
“कोई एक नीति बना लो @bhupeshbaghel एक तरफ तो @RahulGandhi भारत जोड़ने का ढोंग करते हैं दूसरी तरफ दाऊ बाहरी-भीतरी के नाम पर खुलेआम समाज को बांट कर जहर फैला रहे हैं। छःग में डेढ़ दशक जनता का राज रहा है, इन 15 सालों में किसी को "सूर्य की सौम्य" किरणों की जरूरत नहीं पड़ी।“
इसके बाद एक ट्वीट पर सीएम भूपेश ने लिखा कि
“आपको आत्ममंथन की जरूरत है। वैसे भी भाजपा केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग से ही पॉलिटिक्स करती है, इसे पूरा देश देख रहा है। आप अपनी पार्टी की चिंता कीजिए, फिलहाल भाजपा के पास आपके अलावा कोई चेहरा नहीं है। हालांकि पार्टी आपको चेहरा घोषित नहीं कर रही है।“
जिसके जवाब में पूर्व सीएम रमन ने रिट्वीट करते हुए कहा कि
“कांग्रेसी आलाकमान के सामने "अहं ब्रम्हास्मी" दिखाने वाले दाऊ @bhupeshbaghel हो सकता है कि कांग्रेस में कोई और चेहरा न हो लेकिन यह भाजपा है। डॉ रमन एक पार्षद से मुख्यमंत्री बना है, थोड़ा धैर्य रखिए भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता प्रदेश का नेतृत्व करने की क्षमता रखता है।“
खबर लाखे जाने तक जिस ट्वीट का पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने जवाब दिया है। उसमें सीएम भूपेश ने लिखा है कि
“चार वर्ष में अधिकारी पंजा छाप कैसे हो गये? हम अच्छे से काम ले पा रहे हैं इसलिए आप उनको पंजा छाप बोल रहे हैं? मानना चाहिए कि यदि आप अधिकारियों से काम नहीं ले पा रहे थे तो कमी आपके अंदर ही थी।“
जिसका जवाब देते हुए डॉ रमन सिंह ने लिखा कि
“पूरी तरह सहमत हूं दाऊ @bhupeshbaghel जितना काम इस सरकार ने अधिकारियों से लिया वैसा तो हम कभी नहीं ले सकते थे। आखिर शासकीय आवास पर ED के छापे और कोयले में ₹25 प्रति टन जैसी दलाली की ऐतिहासिक उपलब्धि तो कांग्रेसी विश्वविद्यालय की ही उपज हो सकती है।“