ये तो उड़ता तीर ले लिया भाई साब आपने
ईडी के आबकारी विभाग यानी शराब घोटाले के लेकर छापों और गिरफ्तारी के सिलसिले के बीच बीजेपी के नेताओं ने ट्विट कर दिया, सवाल दागा कि ईडी ने सीएम भूपेश के पुत्र को क्यों बुलाया है ? इसे कुछ घंटे बीते कि आप पार्टी ने पीसी लेकर कुछ पन्ने जारी किए कि, ये देखिए ईडी की चार्जशीट, इसमें सीएम भूपेश के पुत्र का नाम है। दो मसले हैं पहला तो यह कि ईडी समंस या नोटिस देती रहती है और इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं होती। न देने वाला बताता है न लेने वाला बताता है, तो बीजेपी को कैसे पता कि नोटिस गया या कि समंस ! दूसरा यह कि ईडी की चार्जशीट केवल कोयला मामले में दाखिल है उसमें कहीं पर बिट्टू का ज़िक्र नहीं है, शराब घोटाले की जांच जारी है और उसके किसी रिमांड पत्र में बिट्टू का नाम नहीं है। सीएम भूपेश कहते रहे हैं कि ईडी की कार्यवाही और बीजेपी का इशारा करीबी मसला है। अब भूपेश भईया पूछ लें कि बताओ बीजेपी के मित्रों आपको कैसे पता तो क्या ही जवाब होगा। दूसरा यह है कि जिन कागजों को ईडी का बताकर वायरल किया जा रहा है, वे कागज आयकर विभाग के उस परिवाद का हिस्सा हैं जो तीस हजारी कोर्ट में दायर है और उस परिवाद के एक अंश पर स्टे है। हालांकि, मामला हाईकोर्ट भी गया है।
करेंट नीचे तक नहीं जा रहा है, तार खराब है या ट्रांसफॉर्मर
सोशल मीडिया में तो सायक्लोन के अंदाज में बीजेपी नुमाया है। पंद्रह साल बीजेपी के बल्लम रहे, सब नेताजी आपको ट्विटर पर सायक्लोन चलाते दिखेंगे।जो मुद्दे जमीन पर दिख रहे हैं उन पर सक्रियता तो है, पर उस से ऊर्जा पन्ना समिति और शक्ति केंद्रों तक नहीं पहुंच रही है। बीजेपी के रणनीतिकारों को देखना चाहिए कि पॉवर प्लांट से बिजली निकल रही है तो नीचे तक क्यों नहीं जा रही है ? उन्हें देखना चाहिए कि तार बदलना है या ट्रांसफॉर्मर, पर जो भी है जल्दी कर लें।
अब ये अफवाह कौन उड़ा रहा है
आयकर विभाग के छापों और ईडी की कार्यवाही के शुरू होने के साथ ही खासकर व्हाट्सएप चैट के मसले पर बहुत तेजी से अफवाह सवालनुमा अंदाज में तैर रही है। वह यह है कि, बीजेपी के कई दिग्गज यदि किनारे लगाए गए और आने वाले समय में लगाए जाएंगे तो उसका सबब वे व्हाट्सएप चैट हैं जो कि बहुत से मीठे संवाद उगल रहे हैं। विभिन्न दिग्गजों के साथ चैट में मिले संवाद पुलकित मुदित भाव के साथ साथ समर्पण के भी हैं। लोग चर्चा कर रहे हैं कि एक नेताजी तो इसलिए किनारे कर दिए गए क्योंकि रिश्तेदार का पैसा उन्होंने सुरक्षित ठिकाने पर रखवा दिया था।
साहेब! ललिता कुमारी केस के छह बिंदु काहेला नई पढ़े
एक थाने में बलात्कार पीड़िता की मां के खिलाफ आरोपी परिवार की ओर से दस वर्षीय बच्चे के साथ कथित अप्राकृतिक यौन हिंसा का मामला बवाल का सबब बन गया है। दरोगा साहब को ललिता कुमारी वर्सेस यूपी सरकार का पूरा आदेश पढ़ना चाहिए था। उसमें छह बिंदु हैं, जिसमें “पेशबंदी” भी मसला है और यह डायरेक्शन भी कि ऐसी शंकास्पद स्थितियों में क्या करना चाहिए। इलाके के कप्तान साहेब ठीक-ठीक “निजात” चला रहे हैं, दरोगा जी के बताए पर भरोसा कर के अब खुद ही इस समस्या का निजात खोज रहे हैं। तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है जो देखेगी कि मामले का सच क्या है ?
सैलजा का पिन प्वाइंट सवाल
गोपनीय दौरे पर पहुंची कुमारी सैलजा का दौरा सीएम हाउस की बैठक शुरू होते-होते सार्वजनिक हो गया। सार्वजनिक होते ही कयासों का दौर भी शुरू हो गया। ये बदल जाएंगे वो रपट हपट जाएंगे। पर इस सहाफी को जो बात पता है वो बस यह है कि, पिन प्वाइंट सवाल “भईया” से हुआ। सवाल था कर्नाटक चुनाव भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीता गया यहां तो भ्रष्टाचार के आरोप और ईडी की लगातार हो रही कार्यवाही है, जवाब क्या है ? विपक्ष और आक्रामक तरीके से उठेगा तो रणनीति क्या है ? जवाब भी केवल “भईया” ने ही दिया, शेष सब चुप रहे। पता नहीं जवाब से कुमारी सैलजा कितना संतुष्ट हुई होंगी, लेकिन यह तय है कि पहले से पहुंची रिपोर्ट में कुछ कागज और जुड़ गए हैं।
ट्रांसफर तो “वहीं से” भेजी गई लिस्ट पर ही किए थे
कुमारी सैलजा की बेहद “गोपनीय” बैठक में एक मंत्री जी को लेकर आलोचना के सुर आए, बताया गया किसी की नहीं सुनते। लेकिन मंत्री जी के बंगले से खबर लीक हुई है कि एक मुश्त डेढ़ सौ ट्रांसफर तो “वहीं से” भेजी गई लिस्ट पर ही किए गए थे। बताते हैं मंत्री जी भी पूरी लिस्ट और सिफारिश के नाम की सूची साथ में व्हाट्सएप के स्क्रीन शॉट दिल्ली रवाना कर चुके हैं।
सवाल तो सही है आपका
भूपेश भैया भरोसे का सम्मेलन कर रहे हैं, और इधर नवागढ़ से भरोसे का आवेदन जारी हो गया है। नवागढ़ से एक बंदे ने एसडीएम साहेब को ही पत्र लिख दिया कि जो सड़क निर्माण का भूमि पूजन महीनों पहले हो गया है और न तो बन रहा है और न ही न बनने की कोई वजह बताई जा रही है तो उसे अब मेरे विधायक बनते तक रोक के रखें। मैं विधायक बनूंगा तो मैं कराउंगा। सहाफी ने उनसे पूछा- “भईया इतना भरोसा कैसे कि आप विधायक बनेंगे ही?” तो जवाब आया- “भरोसे का सम्मेलन हो रहा है वहां ये सवाल पूछें क्या काहे का भरोसा, जैसे सम्मेलन वाले पर भरोसा वैसे मुझ पर भी करो भरोसा मैं बनूंगा विधायक।”
शौक-ए-दीदार है तो नजर पैदा कर
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की यह तस्वीर स्कायडाइविंग की है। करीब 14 हजार फीट की उंचाई से सिंहदेव ने आसमान से छलांग लगाई। यहां उनकी पार्टी के लोग दो हजार करोड़ के घोटाले के मसले पर परेशान हैं, और मंत्री जी चौदह हजार फीट से उतरते मौज में हैं।
अमर भईया, टेक्निक का दो वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोक दीजिएगा, मत छोड़िएगा
भईया के सरगुजा में सबसे प्यारे खूब दुलारे अमरजीत भईया गुस्सा गोसाईं हैं। लेकिन फिलहाल चुप हैं। उनसे जुड़े लोगों ने जिसमें अधिकांश उनके समर्थक ही नहीं कट्टर समर्थक थे,तीन गांव में फैला पहाड़ ही अपने नाम लिखवा लिया। ग्रामीणों ने शिकायत की तो मामला खुल गया। अब जांच शुरू हुई और दो दर्जन से ज्यादा पर एफआइआर ठुक गई। अमर भईया अपने लोगों के लिए व्हेरी लिबरल रहते हैं। उनका बंदा उलझा तो वे टेक्निक बता देते हैं-“इंट्स ओनली ह्यूमन मिस्टेक नो क्राईम।” पर इधर कुछ और ही टेक्निक चल गया है। अमर भैया ने कुछ करीबियों को बोला है इन्वेस्टिगेट करो ये क्या और कौन सा टेक्निक है, उनके करीबी एक सलाहकार ने बताया है भैया गुस्साए हैं और टैक्निक को दो वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकने का नोटशीट चलाने ही वाले हैं।
भूपेश भईया ने मंत्री जी को चार आम दिए लेकिन...
भूपेश भईया के यहां बैठक थी, मंत्रीजी का उपवास था। भईया उदार ह्रदय के, भोजन नहीं करेंगे तो फल खा लें सोच चार आम दे दिए। मंत्री जी विनम्र सरल सहज। ले लिए आम और किनारे धर दिए। भईया लेकिन चार आम ही क्यों दिए, अब तो साढ़े चार साल हो चुका है, चार बड़े आम के साथ एक छोटा दे देते तो हो जाता ठीक ठाक। हालांकि मंत्री जी खाते तो तब भी नहीं।
सुनो भई साधो
- केंद्रीय एजेंसी जून जुलाई में राज्य में किस बड़ी कार्यवाही की तैयारी में है ?