Raipur. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर IPS पारुल माथुर के विरुध्द विभागीय जाँच किए जाने के निर्देश दिए हैं।आईपीएस पारुल माथुर को लेकर इस पत्र में आयकर विभाग के पत्र का हवाला है।आयकर विभाग के इस पत्र के हवाले से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह माना है कि, इस मामले में विभागीय जाँच संस्थित होती है। खबरें हैं कि आईपीएस पारुल माथुर के विरुध्द यह पत्र पिछले हफ़्ते राज्य सरकार के पास पहुँच गया है।
व्हाट्सएप चैट का हवाला है पत्र में
केंद्रीय गृह मंत्रालय के पत्र में आयकर विभाग के जिस पत्र का हवाला है, उसे लेकर यह बताया गया है कि, उसमें व्हाट्सएप चैट हैं।केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उसमें इस बिंदु को विभागीय जाँच का आधार बताया है कि, विभागीय सूचना/कार्यवाही की जानकारी श्रीमती पारुल माथुर ने भेजी,जो कि CCA रुल्स ( वह नियम जो कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर प्रभावी होता है ) का स्पष्ट उल्लंघन है। इसलिए उनके विरुध्द राज्य सरकार विभागीय जाँच संस्थित करे।
राज्य सरकार भी नाराज़ है पारुल से ?
हालिया दिनों ईडी ने कोयला घोटाला और अवैध वसूली गिरोह मामले में पूरक चालान पेश किया था। यह पूरक चालान मुख्यमंत्री भूपेश की उप सचिव सौम्या चौरसिया के विरुध्द था। इस पूरक चालान में ईडी ने आईपीएस पारुल माथुर का भी ज़िक्र किया था।इस पूरक चालान में ईडी ने पारुल माथुर के कथन को सौम्या चौरसिया के विरुध्द साक्ष्य की तरह उपयोग किया है। आईपीएस पारुल माथुर 2008 बैच की आईपीएस हैं, और जांजगीर-चाँपा बिलासपुर जैसे बड़े ज़िलों में एसपी रह चुकी हैं। उन्हें हालिया दिनों ACB में पदस्थ किया गया था।लेकिन एक हफ़्ते के भीतर ही उन्हें वहाँ से हटाकर बीते आठ फ़रवरी को डीआईजी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल भेज दिया गया।
आगे क्या होगा
राज्य सरकार को इस पत्र के आधार पर विभागीय जाँच संस्थित करनी होगी। इसके लिए किसी वरिष्ठ अधिकारी को जवाबदेही दी जाएगी।जाँच में उल्लेखित बिंदु पर IPS पारुल माथुर से जवाब तलब किया जाएगा। विभागीय जाँच में यदि दोष नहीं पाया जाएगा या कि दोष सिद्ध नहीं पाया जाएगा तो उन्हें राहत मिल जाएगी।