PENDRA. छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं छह सूत्रीय मांगों को लेकर 25 दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इस क्रम में गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में शुक्रवार (24 फरवरी) को कार्यकर्ताओं ने दुर्गा, काली और महात्मा गांधी का रूप धारणकर प्रदर्शन किया। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला सहित पूरे प्रदेशभर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका कलेक्टर दर पर वेतन सहित अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इनकी प्रमुख मांगों में शासकीय कर्मचारी घोषित करने तक कलेक्टर दर पर वेतन दिए जाने और पदोन्नति शामिल है। ये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं मां दुर्गा के नव रूपों सहित महात्मा गांधी का रूप धारण कर सरकार का ध्यान अपनी ओर करने सड़कों पर उतर आईं हैं।
जशपुर में भी हड़ताल, प्रशासन का अल्टीमेटम
जशपुर में भी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर 25 दिनों से हड़ताल पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को काम पर लौटने के लिए प्रशासन ने 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। प्रदेश सरकार की इस कार्रवाई से भड़की हड़ताली कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ अंदोलन स्थल पर ढोल बजा कर विरोध जताया।
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सरकार ने नहीं ली अब तक सुध
संघ की जिलाध्यक्ष कविता यादव ने बताया कि प्रदेश समेत जसपुर जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं मांगों को लेकर 25 दिन से हड़ताल पर हैं और उन महिलाओं के साथ उनके बच्चे भी इस हड़ताल में शामिल हैं। लेकिन सीएम भूपेश बघेल और महिला बाल विकास विभाग के मंत्री अनिला भेड़िया ने अब तक उनकी सुध नहीं ली है।वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान मानदेय वृद्धि और नर्सरी शिक्षक की मान्यता देने का वायदा करने वाली कांग्रेस अब अपने वायदे को पूरा करने की जगह आंदोलन को कुचलने पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि सरकार के नोटिस के बाद भी मांग पूरी होने तक आंदोलन चलता रहेगा।
ढोल बजा कर किया विरोध
इसी दौरान शहर के बीच रडजीता स्टेडियम के पास धरना स्थल पर कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने प्रदेश सरकार को नींद से जगाने के लिए ढोल बजा कर विरोध प्रदर्शन किया । सरकारी नोटिस से भड़की महिलाओं ने जमकर नारेबाजी भी की महिलाओं का कहना था कि सरकार के अड़ियल रवैया से आंगनवाड़ी केंद्रों का संचालन ठप होने के साथ ही महिलाओं का पारिवारिक जीवन भी प्रभावित हो रहा है।