RAIGARH. सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े के काफिले में उस समय हड़कंप मच गया जब उन्हें बरमकेला-सारंगढ़ मार्ग में तेंदुआ नजर आ गया। सभी गाड़ियां रोक दी गई और फिर मोबाइल से तेंदुए का वीडियो बनाया गया। अब ये वीडियो वायरल हो रहा है और इसके साथ ही ये उन जिम्मेदारों के लिए भी आईना दिखाने वाला है जो इस बात से इनकार कर रहे थे कि क्षेत्र में तेंदुआ है, जो स्थानीय किसानों के पशुओं की जान ले रहा है।
रात में करीब साढ़े 11 बजे नजर आया तेंदुआ
सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े अपने पति गनपत जांगड़े, राकेश रात्रे और पीएसओ नेतराम किसी काम से बीते 12 नवंबर को सारंगढ़ से बरमकेला गए हुए थे। वापसी में रात करीब साढ़े 11 बजे उनका काफिला गोमर्डा अभ्यारण्य क्षेत्र को पार कर रहा था। अभी वे बरमकेला की घाटी के पास पहुंचे थे, तभी काफिले में से ही किसी एक व्यक्ति को सड़क से कुछ दूरी पर ही गाड़ी की लाइट में किसी जंगली जानवर का अंदाजा हुआ। उन्होंने गाड़ी रुकवा दी और फिर सभी गाड़ियां कतार में रुक गईं। सभी ने गौर से देखा तो उन्हें पता चल गया कि ये तेंदुआ ही है। इसके बाद उन्होंने गाड़ी की लाइट की रोशनी में मोबाइल से बकायदा वीडियो भी तैयार कर लिया। अब उन्होंने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है जो तेजी से वायरल भी हो रहा है।
जिम्मेदारों को देना होगा जवाब
अब मामला सिर्फ ये नहीं है कि क्षेत्र में तेंदुए की मौजूदगी है और अब विधायक को भी नजर आ गया। जबकि मामला ये है कि इस क्षेत्र के स्थानीय ग्रामीण ही ये बात कहते रहे हैं और वन विभाग के जिम्मेदार अफसर इस पर यकीन नहीं कर रहे थे। पूरा मामला मुआवजे को लेकर है। ये तेंदुए आए दिन किसानों के मवेशियों को अपना शिकार बना रहे हैं। स्थानीय लोगों ने जनप्रनिधियों और वन विभाग के अफसरों से शिकायत की थी। लेकिन वन अफसरों ने मना कर दिया था। यदि ये साबित होता है कि किसी जंगली जानवर के हमले से ही मवेशी की मौत हुई है तो इसके लिए वन विभाग को मुआवजा देने का प्रावधान है। इससे वे बच जाते हैं।
कई मवेशियों को शिकार बना चुका है तेंदुआ
क्षेत्र के पशुपालक किसानों का कहना है कि जब वे जंगल में मवेशी चराने जाते हैं तब तो तेंदुए का हमला नहीं हुआ है। लेकिन आए दिन उनके पशुओं की मौत हो रही है जिसमें जंगली जानवर के शिकार के लक्षण उन्हें नजर आए थे। हमने हर बार कहा कि हो न हो ये तेंदुए ने किया होगा। वहीं जंगल में कई लोगों को ये नजर आ चुका है लेकिन अफसर इनकार कर देते हैं। अब उनका कहना है कि तेंदुआ तो सीधे विधायक ने देख लिया और बतौर सबूत वीडियो भी बना लिया, तब तो वन अफसरों को भी इसे मानना पड़ेगा और उन्हें मुआवजा देना ही पड़ेगा।