तो कलेक्टर साहब क्या दूबारा ट्रेनिंग करना चाहेंगे ?
बात करीब डेढ़ हफ्ते पुरानी है, लेकिन मौजूं है। एक जिले में केंद्रीय मंत्री पहुंचे, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बैठक में भी आ गए, लेकिन कलेक्टर साब नदारद थे। केंद्रीय मंत्री जी एसडीएम से कहा पूछ के बताओ आएंगे या व्यस्तता ज्यादा है उनकी ? आखिरकार साहब आ गए, लेकिन जिस अंदाज मिजाज में बैठे उसे देख केंद्रीय मंत्री जी ने उनसे पूछा- 'आपकी ट्रेनिंग पूरी हुई है ना, मुझे कुछ कमी-सी लग रही है, आप कहें तो फिर से प्रशिक्षण के लिए भेजने में सहयोग करें।'
ओऽऽऽ ऊपर से प्रेशर आता.. नीचे से रॉन्ग इन्फॉर्मेशन
मध्य छत्तीसगढ़ के एक जिले में वाकई कप्तान साहब हैरान परेशान हैं या वो बाकियों को हैरान परेशान कर रहे हैं, अबूझ पहेली-सा मसला हो गया है। यह इलाका जरायम के कई मसलों में अपना ट्रैक रिकॉर्ड टॉप पर रखता है। अब जब कोई अधिकारी इन्हें फोन करता है कि यह काला कारोबार रोकने में प्रगति सही क्यों नहीं तो जवाब झट से आया- 'कैसे करेगा सर.. ऊपर से प्रेशर।' अब उसी इलाके में एक हत्या हुई, बड़े साहब ने फोन घनघनाया और सवाल किए तो जवाब आया- 'सरऽऽऽ.. कैसे करेगा.. नीचे वाला रॉन्ग इन्फॉर्मेशन देता।'
क्राउन प्रिंस कौन है, जिसका जिक्र विधानसभा में हुआ
तेज कर्रा अंदाज में बात कहने वाले अजय चंद्राकर ने विधानसभा में राजधानी के एक सड़क का जिक्र किया। मूलतः यह सड़क NH की है जो शानदार सड़क है पर इस पर एक सड़क बन गई। अजय ने कहा प्रश्न लगाने के बाद भी कोई नहीं बता रहा है कि यह सड़क किसने बनाई। इसके ठीक बाद अजय चंद्राकर कहा बिना नियम कानून के टेंडर की प्रत्याशा में काम करने वाले माननीय मुख्यमंत्री के 'क्राउन प्रिंस' हैं। जिसके ऊपर आपका आशीर्वाद रहेगा वह क्या नहीं कर लेगा। सदन में जब अजय चंद्राकर यह कह रहे थे, सीएम बघेल मौजूद थे।
क्या वाकई तनख्वाह बांटने के लिए सरकार कर्ज ले रही है
विधानसभा में सौरभ सिंह ने 2017 से लेकर 2021-22 तक का बजट आंकड़ा रखा और कहा कि कमिटेड एक्सपेंडिचर यानी सैलरी का भुगतान पेंशन का भुगतान उसमें 74 फीसदी की वृद्धि हुई है और इस दौरान जो रेवेन्यू एक्सपेंडिचर है उसमें 33 फीसदी की ग्रोथ हुई है। सौरभ सिंह ने सदन में सवाल किया, कर्ज की अलग कहानी है, लेकिन कर्ज कैपिटल एक्सपेंडिचर करिए, तनख्वाह बांटने के लिए क्यों कर्ज ले रहे हैं, रेवेन्यू एक्सपेंडिचर के लिए क्यों कर्ज ले रहे हैं। आंकड़ों के साथ पेश सौरभ के सवाल ने मसले को संवेदनशील साबित किया है।
तो ईडी की छापामारी से सरकार का रेवेन्यू बढ़ा?
सदन में विपक्ष ने सत्ता पक्ष के ही बजट आंकड़ों को लेकर सवाल किया और उसे ईडी के छापों से जोड़ दिया। मसला आबकारी और माइनिंग को लेकर था। दोनों ही मसलों में आंकड़े आए कि लीकर का जनरेशन बढ़ गया, माइनिंग में आय बढ़ी। विपक्ष ने सवाल किया बीते 3 साल तो टारगेट पूरा नहीं हो रहा था, अब 117 फीसदी का जंप आ गया। क्या इसलिए कि ईडी के छापों की वजह से पैरेलल इकॉनॉमी बंद है।
पॉलिटेक्निक कॉलेजों में 78 फीसदी सीटें खाली, लेकिन 5 नए पॉलिटेक्निक और खोलेगी सरकार
आंकड़ो में सरकार अगर विधानसभा में उलझी तो वह आंकड़े भी सरकार के ही दिए हुए हैं। अब पॉलिटेक्निक कॉलेज का मसला ही लीजिए। पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रवेश में कमी आई है, ये कमी भी थोड़ी नहीं है। सरकार के जवाब में साफ है कि केवल 22.26 फीसदी ही सीटें भरी है। यानी 78 फीसदी सीटें खाली हैं, छात्रों ने रुचि ही नहीं ली। लेकिन यह सरकार ही है जिसने बजट में बताया है कि 65 करोड़ की लागत से प्रदेश में 5 नए पॉलिटेक्निक और खोले जाएंगे।
इस मोहन का तो ठीक पर ये वाले मोहन के तेवर से सरकार हैरान
छत्तीसगढ़ की सियासत में 2 मोहन हैं। एक तो अपने पीसीसी चीफ मोहन मरकाम हैं और दूजे फायर ब्रांड बीजेपी वाले बृजमोहन भैया। सियासत के इन दोनों मोहन से भूपेश भइया के रिश्ते जग जाहिर हैं। पर इस बार दोनों मोहन ने चढ़ाई कर दी। डीएमएफ के मसले पर पीसीसी चीफ मरकाम ने सरकार को ही रेल दिया, विधानसभा समिति से जांच की बात पर अड़ ही गए थे, लेकिन मिसरी भइया यानी रविंद्र चौबे जसतस कर मना ले गए, लेकिन जिनके तेवर से सदमे जैसा हाल था वो थे फायर ब्रांड बृजमोहन के तेवर। बीजेपी वाले मोहन भैया या कि बिरजू भइया ने भूपेश सरकार को नटवरलाल, ठगेश, तुगलक शुतुरमुर्ग कह दिया। सरकार परेशान हैरान है बिरजू भइया क्यों नाराज वो भी इस कदर। रह गए मोहन मरकाम तो वो जिस रौद्र रूप में हैं उसके अलावा विकल्प नहीं हैं क्योंकि धैर्य भी तो एक दिन चुक जाता है।
एजाज राज और हर शख्स अनवर
एजाज का मतलब होता है चमत्कार और अनवर का अर्थ होता है सक्षम बनना। अजय चंद्राकर ने सीएम भूपेश बघेल की तारीफ करते हुए कहा है कि यहां एजाज राज हैं और हर व्यक्ति अनवर बन रहा है। अजय यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा है सीएम साहब को बधाई और अभिनंदन।
सुनो भई साधो
- अजय चंद्राकर के पास कौन सा पत्र है जिसमें अवैध शराब को लेकर नाम सहित खुलासे हैं।