ईडी.. गर्मी.. और IAS का अवकाश
छत्तीसगढ़ में मौसम भी नाराज है और ईडी भी गरज-बरस रही है। किसके यहां कब बिन बुलाए मेहमान की तरह ईडी आ जाए कोई नहीं जानता। अब ये गर्मी का असर है या ईडी की सक्रियता का, ये तो पता नहीं, लेकिन 10 से ज्यादा आईएएस अधिकारी छुट्टी पर चल दिए हैं। सबको एक साथ गर्मी सता गई या आगे-पीछे ये पता नहीं पर रवानगी सभी ने ली है।
आपके 24 घंटे एक तरफ यहां तो एफआईआर ठुक गई नेता जी
हेट स्पीच मामले में कांग्रेस की सरकार में, कांग्रेस के नेताओं ने, सरकार की पुलिस को बीजेपी के खिलाफ शिकायत दी। पुलिस बिजली की गति से तेजी में आई, शाम होते-होते बीजेपी नेताओं को नोटिस जारी हो गया कि जवाब दीजिए। बीजेपी में मचा हड़कंप, तो फिर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल जी के नेतृत्व में भाजपाई सिविल लाइन थाने पहुंचे और सीएम भूपेश के पिता समेत 2 मंत्री और कुछ पदाधिकारियों के नाम लिखित शिकायत में ठोक गए कि इन्होंने हेट स्पीच दी है कार्रवाई करो। बीजेपी नेताओं को मिले नोटिस के जवाब में कह गए कि पहले जांच करो। नेता जी ये भी बोल गए कि हमारी शिकायत पर 24 घंटे में कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन से शहर गुंजा देंगे। अब 24 क्या, कई घंटे गुजर गए। शिकायत कांग्रेस के खिलाफ, सरकार कांग्रेस की और पुलिस सरकार की। कुछो हलचल नहीं हुआ। इधर हेट स्पीच मामले में बीजेपी के युवा नेता जी पर एफआईआर जरूर ठोका गया है। नेता जी किधर हैं और उनका आंदोलन किधर है, पता ही नहीं चल रहा है।
बीपी बढ़ गया शुगर बढ़ गया कार्रवाई करो कप्तान साहब
एक आवेदन एक कप्तान साहब को परेशान कर गया है। कप्तान साहब के पास जो आवेदन गया है उसमें लिखने वाले ने लिखा है कि ईडी ने पूछताछ की है, बयान लिया है। इससे उनका बीपी और शुगर बढ़ गया है। अब कप्तान साहब परेशान हैं कि इस आवेदन का भला वे क्या करें ? हालांकि यही आवेदन चीफ सेक्रेटरी साहब को भी गया है। किसी ने सलाह दी है कि सर किसी डॉक्टर का नाम लिखकर आवेदन वापस कर दीजिए। अब ऐसे आवेदन पर कोई कार्रवाई तो हो नहीं सकती। मसला ये भी है कि ऐसे आवेदनों की रफ्तार भी बढ़ रही है।
तेरा मेरा..सबका कटेगा..लेकिन ये कांग्रेस है
बीजेपी हो या कांग्रेस, दोनों के तीस मार खां जितने भी अल्लम-बल्लम हैं, सबको बाकी कुछ पता हो ना हो, ये जरूर पता है कि टिकट कटनी है। अब इसमें बचेगा कौन और कौन खेत रहेगा ये कोई नहीं जानता। बीजेपी में तो फिर भी संगठन के डंडे की हनक है, सो फैसले पर बागी सुर सामने नहीं आने, लेकिन कांग्रेस तो भई कांग्रेस है। टिकट कटी तो जो टिकट पाएगा वो विपक्षी से कम और पुराने वाले की बांस की बंसी से ज्यादा परेशान रहेगा।
वाकई नोटिस या कोरी गप्प!
अफवाहबाजों से सब परेशान हैं। लेकिन अफवाह को इतनी तेजी से और विश्वसनीयता से उड़ान भराई जाती है, उड़ान का वो धुआं उड़ता है कि समझना मुश्किल हो जाता है कि सच उस्ताद किधर हैं। अब ये 2 आईपीएस को लेकर उड़ान है कि नोटिस जारी हो गया है। एक नोटिस एक साहब को इस बात का है कि आप ये बताएं फलां परीक्षा की अनुमति कब ली, जबकि दूसरे साहब को लेकर ये खबरें हैं कि मसला किसी बंगले के किराए का है। अब मसला कितना सच या पूरा झूठ कोई बताने वाला नहीं।
सर दाल में नमक चलेगा.. पर दाल बराबर नमक के लिए सॉरी
बस्तर के एक जिले में अजीब वाकया हुआ है। सप्लाई का कोई मसला था, बहुत ऊपर से साहब का फोन आया तो भी अधिकारी मानने को तैयार नहीं हुआ। जिले के हाकिम ने बुलाया और कहा कि अरे एडजेस्ट करो भैया! विभाग अधिकारी छूटते ही बोला सर दाल में नमक चला लूंगा बगैर दाल केवल नमक का मसला है सॉरी, नहीं करूंगा। हाकिम ने कहा तुम जानते हो कहां से फोन आया, अधिकारी मुस्कुराया और अपना फोन दिखाकर बोला मुझे भी आया था, मैं भी जानता हूं 'ए फॉर एप्पल' लेकिन नहीं करूंगा तो नहीं करूंगा। कॉल लॉग में जो नंबर वो अधिकारी दिखा रहा था, बताते हैं उसे देख कलेक्टर साहब भी हैरानी में खड़े हो गए।
गए थे पढ़ने नमाज.. रोजे गले पड़े
मध्य छत्तीसगढ़ का एक इलाका है। प्रमुख विपक्षी दल ने सारे बटन बदल दो के नुस्खे में यहां भी बदलाव किया। लाने वालों ने संगठन के आला हाकिम को बताया कि ऐसा चेहरा लाया गया है, जो सनातन धर्म-संस्कृति पर पकड़ प्रभाव रखता है। बात भी सही थी, लेकिन बस समझ में गड़बड़ हो गई। भईया हैं भागवत कथा वाचक.. अच्छी पकड़ है। अब जब न तब, निकल लेते हैं प्रवचन पर, संगठन और बैठक का लोटन कबूतर हो तो क्या ही वो करें और क्या ही संगठन के आला हाकिम करें।
आसमान में उड़ रहे हैं घोड़े.. ऐ साहब ये ठीक नहीं
एक रेंज है, रेंज के साहब हैं। भले हैं अच्छे हैं बहुत सक्रिय भी हैं, लेकिन एक मसला हो रखा है और उन साहब को ध्यान देना चाहिए वर्ना इज्जत का लोटा कभी भी लुढ़क जाएगा। साहब के कुछ करीबी हो गए हैं जो आए दिन उन्हें बताते हैं 'सर आसमान में उड़ रहे हैं घोड़े..' साहब भले मानुष हैं तो भरोसा कर लेते हैं, लेकिन दरअसल इसके आगे कि पंक्तियां वो जिस तरह से रेंज के एक हिस्से में चरितार्थ कर रहे हैं, भले मानुष साहब को बहुत ध्यान से देखना समझना और सुनना चाहिए।
ईडी की कार्रवाई में झारखंड कनेक्शन क्या है
ईडी की कार्रवाई प्रदेश में जारी है। वो भी ताबड़तोड़। शराब के धंधे पर भृकुटी तनी हुई है। समझने वाले ये नहीं समझ पा रहे कि ईडी कार्रवाई कर रही है, लेकिन शेड्यूल अफेंस वाली एफआईआर तो है नहीं। ऐसे में विद्वानों को पड़ोसी राज्य पर नजर रखनी चाहिए। कौन जाने जवाब सामने हो और दिख ना रहा हो ?
सवाल तो लाजिमी है जनाब
एक कप्तान साहब को समझ नहीं आ रहा है कि 52 पत्ती के खेल होने से दिक्कत क्या है। वे हालिया दिनों किसी से कहते सुने गए 'देखिए, जुआ तो खेल है। अब दीपावली में तो खेला ही जाता है, इसे स्टार्टअप समझना चाहिए।' कप्तान साहब की बात भी गलत कहां है! पैसा घूमता है, ईकोनॉमिक्स भी तो वईसी ही है न भई, अब देखिए जुआ से जीतने पर पैसा आता है तो पैसा बाजार जाता है, बाजार से सामान खरीदा जाता है, पैसे से शराब भी लेते हैं सरकार का भी रेवेन्यू बढ़ता है, अब जो खिलवा रहा है, थोड़ा वो ले लेता है। अब अर्थव्यवस्था में मैनेजमेंट सॉलिड रहे इसलिए स्टार्टअप में कानून व्यवस्था का भी संरक्षण शेयर हो जाता है। सही है काहे लिए बवाल करते हैं लोग। एक और कप्तान साहब हैं, उनका कोयले का अपना स्टार्टअप है। ये भी ठीक पुण्य कमाने का ही तो मामला है, इस एक स्टार्टअप से जाने कितनों का घर चल रहा है। एक दीदी तो रेत से तेल निकालने का स्टार्टअप कर रही हैं। आला हाकिमों को ध्यान देना चाहिए, युवा उद्यमी/बेहतर स्टार्टअप प्लानर का इनाम देना चाहिए।
शौक-ए-दीदार अगर है तो नजर पैदा कर
नेता प्रसन्न रहें, राजनीति में ये सबसे जरूरी है। इससे लिए तोरण द्वार, बैनर पोस्टर सब लगते रहते हैं। वॉल पेंटिंग भी होती है, लेकिन जरा-सी चूक हुई तो नेता जी प्रसन्न होने की बजाय कुपित भी हो जाते हैं। ये बिल्कुल सिद्धि साधना का मसला होता है। एक चूक हुई और यक्ष रूठा। अब ये मसला भी यक्ष के रूठने वाला हो गया है। सावधानी रखना चाहिए।
सुनो भई साधो
1. सेंट्रल जेल में जैमर के कमजोर होने और जेल में अतिरिक्त प्रभार हासिल करने वाले साहब का मसला, और उसी जेल से एक साहब का महासमुंद जाना बस संयोग है क्या ?
2. ये किस जिले का मसला है कि हाकिम की पार्टी में माइक वन की पहचान वाले की बेइज्जती पर जूतम-पैजार की नौबत आ गई ?