तीस हजारी कोर्ट से राहत, लेकिन..
आयकर विभाग की ओर से जारी परिवाद पर खबरें हैं कि तीस हजारी कोर्ट ने निर्देश दे दिए हैं। ये परिवाद जिनके खिलाफ दायर था उनमें सत्ता शीर्ष के करीबी भी शामिल थे, या यूं कहें कि उनके लिए ही परिवाद दायर था। तीस हजारी कोर्ट ने 2 धाराओं में परिवाद स्वीकार किया है और दोनों धाराएं ऐसी नहीं है कि, ईडी का अधिकार क्षेत्र आ जाए, अस्तु सत्ता शीर्ष के करीबियों के लिए राहत है, लेकिन उसी अदालत ने परिवाद के अन्य हिस्सों को लेकर देश की दूसरी अदालतों में जाने का निर्देश दे दिया है, यानी मुसीबत टली नहीं है।
मंत्री जी ये बस्तर है
मसला प्रियंका गांधी के दौरे से जुड़ा है। एयरपोर्ट में एक मंत्री जी को प्रियंका गांधी वाड्रा की विदाई के वक्त पहुंचने का मौका नहीं मिला। मंत्री जी गुस्सा गोसाईं हो गए और कलेक्टर साहब से भिड़ गए। कलेक्टर ने टका-सा जवाब थमा दिया कि जो निर्देश हैं उनका पालन कर रहे हैं। बवाल बढ़ता देख बस्तर के एक नेता जी मंत्री साहब के पास गए और बोले ये बस्तर है यहां ऐसे मत करिए। मध्य छत्तीसगढ़ से आने वाले मंत्री जी को बुरा लगा तभी तो भड़के, लेकिन ज्यादा बुरा क्या लगा होगा?
सीएस साहब की वीसी से गुल कलेक्टर और सीईओ
ये मसला भी प्रियंका गांधी के बस्तर दौरे से ही जुड़ा हुआ है। जैसे ही सीएम साहब ने कन्फर्म किया और जगदलपुर में महिला सम्मेलन कराने की बात कही, टॉप टू बॉटम प्रशासन जुट गया। सीएस साहब ने तैयारियों को लेकर बस्तर पर केंद्रित वीसी बुलाई। एक कलेक्टर साहब और एक सीईओ साहब वीसी से ही नदारद थे। खबरें हैं कि भीड़ बढ़ाओ नंबर पाओ वाले मामले से भी कलेक्टर साहब चूक गए हैं।
कोरबा में संगठन सह प्रभारी के सामने कांग्रेसियों ने ऐसा क्यों बोला
संगठन प्रभारी कुमारी सैलजा छत्तीसगढ़ की सभी 90 विधानसभा सीटों पर जब जाएंगी तब जाएंगी, लेकिन हाल फिलहाल उन्होंने संवेदनशील जगहों संगठन के सह प्रभारियों को लगा दिया है। वे इन क्षेत्रों में जाएं और हालात को समझकर रिपोर्ट दें। कोरबा में संगठन सह प्रभारी विजय जांगिड़ पहुंचे। संगठन को मजबूत बनाने करने की कवायद के लिए चर्चा हुई तो कांग्रेसी फट पड़े। वन टू वन मुलाकात में जमकर भड़ास निकाली। भड़के कांग्रेसियों ने 2 टूक कह दिया कि इससे बेहतर तो हम विपक्ष में ज्यादा सुखी थे। थाना चौकी तक में सुनवाई का आलम ये है कि वहां जाओ तो उल्टा हमारे ऊपर ही मामला दर्ज हो जाता है। दिग्गज महिला नेता ने सवालिया अंदाज में पूछा चुन-चुन के कार्यकर्ताओं पर मामले बनाए जा रहे हैं ये इशारा किसका है? हैरान परेशान संगठन सह प्रभारी ने कहा पूरी बात दिल्ली में बताएंगे।
डीजीपी की रेस तो ठीक है पर जनाब
डीजीपी अशोक जुनेजा के रिटायरमेंट में अभी वक्त है। पर मसला पुलिस महकमे का अगला चीफ बनने का है तो चौसर बिसात बिछ रही है, लेकिन दिलचस्प वो अंदाज है जिसका निशाना ये है कि पहले से खफा-खफा से वजीर-ए-आला और खफा हो जाएं। माजरा बेहतर समझने के लिए मोबाइल घुमाइए और नए डीजीपी कौन को लेकर छप रही या छपवाई जा रही खबरें देख लीजिए। रिटायरमेंट की तारीख के पहले ही रवानगी दे दी जाए, ग्रहों की चाल ऐसी हो जाए ये चौघड़िया कौन देख रहा है?
ओम माथुर का बस्तर दौरा अचानक रद्द क्यों हुआ?
बीजेपी के छत्तीसगढ़ संगठन मसले पर शीर्षस्थ नेताओं में एक ओम माथुर का बस्तर दौरा होना था। अगर होता तो प्रियंका गांधी के दौरे के ठीक पहले ये होता पर ऐन वक्त पर रद्द हो गया। सही सही वजह किसी को नहीं पता है। डॉक्टर साहब का दौरा भी एक दिन आगे बढ़ गया, वजह इसकी भी पता नहीं चली।
शौक-ए-दीदार है तो नजर पैदा कर
ये अदा आप में सरकार कहाँ थी पहले
ये नज़र आप की तलवार कहाँ थी पहले https://t.co/ww7xT7fMdC
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 12, 2023
सीएम भूपेश शेर-शायरी का शौक तो नहीं रखते, लेकिन उनका ट्विटर हैंडलर इस मसले पर चपल चतुर हैं। सीएम बघेल के विश्वासपात्र अत्यंत प्रिय मंत्रियों में से एक कवासी लखमा तीसरी के आगे पढ़े नहीं हैं, पर सोशल मीडिया पर उनका भी अकाउंट है। ट्विटर पर कवासी लखमा की डीपी चेंज हुई तो उस पर सीएम भूपेश के ट्विटर हैंडल से ये शायराना अंदाज में नुमाया हुआ।
सुनो भई साधो
1. छत्तीसगढ़ की वो कौनसी विधानसभा है जिसके बारे में ये मान्यता है जो विधायक घर बनाता है वो दोबारा नहीं जीतता?
2. धर्मांतरण के मामले से जुड़ा वो कौनसा मसला है जिसे लेकर संघ और बीजेपी में जोर-आजमाइश जारी है?