Raipur. विधानसभा का शीतकालीन सत्र पूरी गर्माहट के साथ समय के पहले ही समाप्त हो गया।छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र समाप्ति के घोषणा के ठीक पहले सदन से निलंबित बीजेपी विधायक दल के सदस्यों ने गर्भगृह में नारेबाज़ी की और विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत की उपस्थिति में उनकी ओर काग़ज़ के टुकड़े फेंके गए। इसके भी पहले जबकि प्रश्नकाल चल रहा था तब छत्तीसगढ़ विधानसभा के संसदीय इतिहास में पहली बार प्रश्नकाल के दौरान कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित की गई। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध बीते दो दिनों से लगातार जारी था, बीते दो दिन प्रश्न काल और फिर शून्य काल में सत्ता पक्ष ने जैसे विपक्ष की भूमिका निभाई और विपक्ष को ना सवाल पूछने दिया और ना ही शून्यकाल में विषय उठाने दिया। कल जबकि प्रश्नकाल में सत्ता पक्ष ने पूरी ताक़त से शोरगुल कर सवालों को बाधित किया तो विपक्ष ने आसंदी से इस मसले पर स्पष्ट व्यवस्था माँगी थी। यह बवाल आज भी जारी रहा और अब तक के विरोध के सारे इतिहास को धता बताते हुए नया रिकॉर्ड बना गया।
प्रश्नकाल में बवाल, बीजेपी निलंबित और अंत तक निलंबन समाप्त नहीं हुआ
प्रश्नकाल शुरु होने पर मसला तब गरमा गया जबकि केंद्र सरकार द्वारा चावल वितरण का सवाल धरमलाल कौशिक ने उठाया। विपक्ष का आरोप था कि, यह हज़ारों करोड़ का घोटाला है। विपक्ष खाद्य मंत्री के जवाब के शब्दों और तरीक़ों से खिन्न हो गया। इस बीच सत्ता पक्ष इस सवाल जवाब के दौर में कूद गया, और शोरगुल तेज होने लगा। नाराज़ विपक्ष गर्भगृह पहुँच गया और नारेबाज़ी करने लगा। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने गर्भगृह पहुँचने वाले सदस्यों के स्वयं निलंबित होने की व्यवस्था का उल्लेख किया और सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए रोक दी। सदन की कार्यवाही कुछ देर बाद शुरु हुई तो बीजेपी के सदस्य सदन में गए तो विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा
“मैंने आप लोगों का निलंबन समाप्त नहीं किया है”
इस पर बीजेपी विधायक फिर वापस लौट गए। इसके बाद सदन की कार्यवाही फिर स्थगित हुई। क़रीब घंटे भर बाद जबकि सदन की कार्यवाही फिर से शुरु हुई तो बीजेपी विधायक दल फिर सदन में गया और उन्हें आसंदी ने फिर कहा कि उनका निलंबन समाप्त नहीं हुआ है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने यह तीन बार दोहराया।क्षुब्ध बीजेपी विधायक दल ने एक पत्र जो कि विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित था उसे सचिव को सौंपा, और फिर से गर्भगृह पहुँच कर नारेबाज़ी करने लगे। इस नारेबाज़ी के बीच अचानक विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत की ओर काग़ज़ के टुकड़े लहराते हुए गिरे। हालाँकि इससे अविचल विधानसभा अध्यक्ष डॉ महंत ने सदन की कार्यवाही जारी रखी। गर्भगृह में मौजूद बीजेपी विधायक दल को बाहर जाने के निर्देश मिले और वह बाहर चले गए। इसके कुछ देर बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने सदन के शीतकालीन सत्र की समाप्ति की घोषणा कर दी।
पहला मौक़ा जब निलंबित रह गया विपक्ष और सत्र अवसान हो गया
यह पाँचवीं छत्तीसगढ़ विधानसभा चल रही है। अब तक के ज्ञात इतिहास में यह भी पहली बार ही हुआ है कि, प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी विधानसभा में निलंबित ही रही और सत्र समाप्ति की घोषणा कर दी गई।