BHILAI. छत्तीसगढ़ में इन दिनों बच्चा चोरी की अफवाह चरम पर हैं। बच्चा चोरी के संदिग्ध लोग और आपराधिक प्रवृत्ति के लोग नाम छिपाकर जिले में घूम रहे हैं। इसकी वजह से नौबत यह है कि लोग किसी भी संदिग्ध नजर आने वाले लोगों से न सिर्फ बहस कर रहे हैं। साथ ही बिना पुष्टि के उनकी पिटाई भी कर रहे हैं। 3 साधुओं की पिटाई को लोग अभी भूल भी नहीं पाए थे कि अब भिलाई में मानसिक रूप से बीमार महिला इनकी चपेट में आ गई।
बच्चा चोर समझकर महिला की पिटाई
दरअसल, महिला खाने के लालच में आंगनबाड़ी केंद्र में खड़ी थी। लोगों ने उसे बच्चा चोर समझकर उसकी जमकर पिटाई कर दी। अच्छी बात यह रही कि मौके पर पुलिस ने पहुंचकर उसे छुड़ा लिया इससे महिला की जान बच गई। यह पूरा मामला भिलाई शहर का है। यहां सोमवार को पुरैना के आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे पढ़ाई और खेलकूद में व्यस्त थे। वहीं मौके पर खाने-पीने का सामान भी रखा हुआ था। इसी बीच वहां एक महिला पहुंच गई।
बिना किसी जानकारी के महिला की पिटाई
बताया जा रहा है कि वो महिला भूखी रही होगी, इसलिए खाने- पीने का सामान देखकर उसे लगा होगा कि यहां उसे कुछ खाने को मिल जाएगा। महिला की हालत को देखते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका समेत आसपास के लोगों को उस पर शक हुआ कि कहीं ये बच्चा चोरी की फिराक में तो नहीं है। इस दौरान जब उससे पूछताछ की गई तो वह ठीक से बात नहीं कर पा रही थी। ऐसे में उनका शक यकीन में बदल गया और बिना किसी जानकारी के उसकी पिटाई कर दिए।
भीड़ ने महिला को पीटा
इसी बीच मोहल्लावासी भी शोर सुनकर जुट गए और वे भी महिला की पिटाई में शामिल हो गए। कुछ लोगों ने उन्हें समझाने की कोशिश भी की औप महिला को पुलिस को सौंपने के लिए कहा लेकिन, वे मानने को तैयार नहीं हुए। तभी किसी ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी। आनन- फानन में पुलिस की एक टीम तत्काल मौके पर पहुंच गई। तब भी लोग उसे घेरकर पीटने में लगे थे।
महिला की जानकारी जुटा रही पुलिस
पुलिस टीम ने किसी तरह हालात को काबू में किया और महिला को भीड़ से छुड़ाने के बाद थाने लेकर पहुंची। यहां पूछताछ में पुलिस को पता चला कि वह मानसिक रूप से बीमार है। यह भी स्पष्ट हुआ कि वह खाने के लालच में ही वहां खड़ी थी। पुलिस अब महिला के परिजनों की खोज करने की बात कह रही है। फिलहाल अब आगे जो भी हो, लेकिन इस मामले ने स्पष्ट कर दिया है कि बच्चा चोरी के शक का मामले को लेकर लोगों में आक्रोश है। इसके चलते लोग कानून को अपने हाथ में लेने से भी डर नहीं रहे हैं।