मंत्र' का अर्थ होता है मन को एक तंत्र में बांधना। संकट कालमें अनावश्यक और अत्यधिक विचार उत्पन्न हो रहे हैं और जिनके कारण चिंता पैदा हो रही है, तो मंत्र सबसे कारगर औषधि है। आप जिस भी ईष्ट की पूजा, प्रार्थना या ध्यान करते हैं उसके नाम का मंत्र जप सकते हैं।जानते हैं ऐसे कौन से 10 महामंत्र हैं जिनसे सभी रोग,बीमारी और संकटों से मुक्ति भी मिलती है।
पहला मंत्र :
भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र*ॐ ह्रीं जूं सःभूर्भुवः स्वःॐ त्र्यम्बकं स्यजा महेसुगन्धिम्पुष्टिवर्द्धनम् उर्व्वारूकमिव बंधनान्नमृत्योर्म्मुक्षीयमामृतात्ॐ स्वःभुवःभूः ॐ सःजूं हौं ॐ।।ॐमृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतमजन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनःदूसरा मंत्र: देवी भगवती का मंत्र*ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनीदुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधानमोऽस्तुते*देहि सौभाग्यम आरोग्यम देहि मे परमं सुखमरुपम देहि,जयम देहि,यशो देहि द्विषो जहि
तीसरा मंत्र : धन्वंतरी का मंत्र
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतरयेअमृतकलशहस्ताय सर्वभयविनाशाय सर्वरोगनिवारणायत्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूपायश्रीधन्वंतरीस्वरूपाय श्रीश्रीश्री औषधचक्राय नारायणाय नमः॥चौथा मंत्र :हनुमान जी का मंत्रॐ नमो हनुमते रुद्रावतराय वज्रदेहाय वज्रनखाय वज्रसुखाय वज्ररोम्णेवज्रनेत्राय वज्रदंताय वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहाहनुमान जी का चालीसा मंत्रनासै रोग हरे सब पीरा,जो सुमिरे हनुमंत बलबीरासंकट ते हनुमान छुडावैं, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै
पांचवां मंत्र :
विष्णु जी का मंत्रशांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशम्।विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्।।लक्ष्मीकान्तंकमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्।वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।।ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टंऔ च लभ्यते।।