Indore. कोरोना को लेकर डराने वाले आंकड़े सामने आए हैं। जुलाई महीने के महज सात दिनों में इंदौर में 347 संक्रमित मिल चुके हैं। इस दौरान सिर्फ 3361 सैंपल की ही जांच की गई। यानी कोरोना की जांच कराने के लिए पहुंचने वाला हर दसवां व्यक्ति संक्रमित निकल रहा है। हालांकि राहत की बात यह है कि जुलाई के सात दिन में 225 लोगों ने कोरोना को हराया और पूरी तरह से ठीक हो गए। जिन लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है उनमें से ज्यादातर को कोरोना के कोई लक्षण भी नहीं थे। सर्दी-जुकाम होने पर उन्होंने जांच करवाई तो पता चला कि वह संक्रमित हैं।
साथ रहेगा कोरोना, सावधानी जरूरी
कोविड-19 अब तक कई बार खुद को बदल चुका है। इसके अलग-अलग वेरिएंट आ चुके हैं। हाल ही में महाराष्ट्र में कोरोना के नए वैरिएंट के 20 मामले सामने आए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस वक्त हमें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता और सामुदायिक स्वास्थ्य विषय के विशेषज्ञ डॉ. संजय दीक्षित के अनुसार, यह मान लेना कि कोरोना पूरी तरह से खत्म होगा गलत है। हमें यह स्वीकारना होगा कि यह वायरस अन्य वायरस की तरह हमारे बीच ही रहेगा। सावधानी हमें ही बरतना होगी। कोरोना संक्रमित मिलते रहेंगे लेकिन संक्रमण पहली और दूसरी लहर की तरह गंभीर नहीं रहेगा।
हर्ड इन्यूनिटी की तरफ बढ़ रहे
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना को लेकर हम हर्ड इन्यूनिटी की तरफ बढ़ रहे हैं। यानी वायरस की गंभीरता लगातार कम हो रही है। कोरोना को लेकर लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो रही है। यानी कोरोना वायरस हमला तो कर रहा है लेकिन शरीर में बनी एंटीबाडी वायरस से लड़कर उसे स्वत: समाप्त कर रही है। यह इससे भी साबित हो रहा है कि जिन लोगों में कोरोना की पुष्टि हो रही है उनमें सामान्य सर्दी-जुकाम के अलावा कोई गंभीर लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं।