नई दिल्ली. साउथ अफ्रीका समेत तीन देशों में कोरोना का नया वैरिएंट (Corona New Variant) आने के बाद भारतीय वैज्ञानिकों की चिंताबढ़ गई है। जीनोम सीक्वेसिंग की निगरानी करने वाले इन्साकॉग का मानना है कि नया वैरिएंट बी.1.1.529 अगर डेल्टा से मिल जाता है, तो गंभीर खतरा हो सकता है। हालांकि, अभी तक इस मिश्रण के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं, लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि भारत में कोरोना का नया स्वरूप नहीं आना चाहिए।
अब वेट एंड वॉच का समय नहीं
नई दिल्ली स्थित काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. विनोद स्कारिया का कहना है कि वायरस में पहली बार 32 बार म्यूटेशन (Mutation) हुआ है। वायरस की स्पाइक संरचना में ही सबसे ज्यादा बदलाव हुए हैं और उन्हीं की वजह से ब्रेक थ्रू इन्फेक्शन (वैक्सीन लेने या दोबारा संक्रमित होना) के मामले दर्ज किए जाते हैं।
डॉ. स्कारिया के मुताबिक, अब वेट एंड वॉच का समय जा चुका है। इस समय एक्शन का वक्त है। हमें सावधान रहने की जरूरत है। वैक्सीन और जन स्वास्थ्य से जुड़े उपायों को तत्काल पूरी सतर्कता के साथ शुरू करना जरूरी है। हालांकि, इस वैरिएंट के बारे में और अधिक जानकारी के लिए कुछ दिन का इंतजार करना होगा।
69% नमूनों में मिल चुके हैं गंभीर वैरिएंट
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. ललित कुमार के मुताबिक, भारत में पहले से ही 69% से ज्यादा गंभीर वैरिएंट की मौजूदगी है। इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक डेल्टा ही है। ऐसे में अगर यह नया वैरिएंट भारत में एंट्री लेता है तो डेल्टा के साथ इसका मिश्रण कैसा होगा, हम यह अभी तक जान नहीं पाए हैं।
मरीजों की संख्या फिर 10 हजार पार
कोरोना संक्रमण के मामलों में एक बार फिर इजाफा हो रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 26 नवंबर को पिछले एक दिन में 10 हजार से ज्यादा मामले मिलने की पुष्टि की। मिजोरम और जम्मू-कश्मीर संक्रमण की R Value भी एक अंक से ज्यादा मिली है। बीते दो दिन की तुलना करें तो कोरोना के नए मामलों में करीब 15.7% का उछाल है। पिछले एक दिन में कोरोना के 10,549 नए मामले सामने आए और 488 लोगों की मौत हुई।
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