नई दिल्ली. भारत में कोरोना की तीसरी लहर इस महीने दस्तक दे सकती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, तीसरी लहर में रोज एक लाख मामले सामने आ सकते हैं। इस वक्त देश में हर दिन 40 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। वहीं, 550 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। एक्सपर्ट्स की मानें तो अगस्त के महीने में शुरू होने वाली तीसरी लहर अक्टूबर में पीक पर जा सकती है। दूसरी लहर में कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए केंद्र ने राज्यों से ऑक्सीजन, दवा समेत अन्य जरूरी सामानों को पहले ही उपलब्ध रखने का निर्देश दिया है।
ज्यादा खतरनाक नहीं होगी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि दूसरी लहर में रोज 4 लाख मामले आ रहे थे, लेकिन तीसरी लहर ज्यादा खतरनाक नहीं होगी। कोरोना की स्थिति का आकलन एक गणितीय मॉडल पर आधारित था। मई में आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा कि भारत के कोरोना वायरस का प्रकोप आने वाले दिनों में गणितीय मॉडल के आधार पर चरम पर हो सकता है।
केरल और महाराष्ट्र में बढ़ रहे मामले
एक रिपोर्ट में बताया गया कि कोरोना के बढ़ रहे मामले ही महामारी की तीसरी लहर को आगे बढ़ाएगी। केरल और महाराष्ट्र में जिस तरह कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं, इससे स्थिति खराब हो सकती है। केरल में कोरोना के मामले रोजना 20 हजार से ज्यादा आ रहे हैं। वहीं, महाराष्ट्र में करीब 7 हजार मामले सामने आ रहे हैं। दोनों राज्यों में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
10 राज्यों में बढ़ रहा कोरोना
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले एक दिन में पांच राज्यों से 80.36% नए कोरोना केस सामने आए हैं, जिसमें अकेले केरल से 49.3% केस आए। वहीं मौत को लेकर बात करें तो 31 जुलाई को महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 225 मरीजों ने दम तोड़ा। केरल में 80 मरीजों की जान गई। फिलहाल जिन 10 राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं उनमें केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, असम, मिजोरम, मेघालय, आंध्र प्रदेश और मणिपुर शामिल हैं।
कोरोनावायरस का रीप्रोडक्शन रेट बढ़ रहा
दिल्ली एम्स चीफ डॉ. रणदीप गुलेरिया के मुताबिक, कोरोनावायरस की आर (रीप्रोडक्शन) वैल्यू 0.99 थी जो अब बढ़कर एक हो गई है। वायरस की प्रजनन (ब्रीडिंग) दर में बढ़ोतरी को लेकर सतर्क होने की जरूरत है। आर-वैल्यू में बढ़ोतरी का मतलब है कि व्यक्ति से संक्रमण फैलने की स्पीड बढ़ गई है। देश के जिन क्षेत्रों में संक्रमण दर ज्यादा है, वहां सख्ती के साथ पाबंदियों को लागू करने पर जोर देना होगा।