नई दिल्ली. देश में कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के बूस्टर (तीसरे डोज) को लेकर पॉलिसी (Policy) जल्द ऐलान हो सकता है। कोविड टास्क फोर्स (Covid Task Force) के प्रमुख सदस्य डॉ. एनके अरोड़ा ने TOI को ये जानकारी दी है। अरोड़ा के मुताबिक, ये पॉलिसी अगले 10 दिन में आ सकती है। किन लोगों को तीसरा डोज लगेगा, पॉलिसी में इसकी कैटेगरी बताई जाएगी।
मर्जी से ना लें बूस्टर डोज
अरोड़ा ने लोगों को हिदायत दी कि वे मर्जी से बूस्टर डोज न लें, क्योंकि कोविन पर इसका रिकॉर्ड (Record) दर्ज नहीं होगा और कोई सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा। अरोड़ा के मुताबिक, ऐसी खबरें आ रही हैं कि लोग चुपचाप तीसरा डोज ले रहे हैं। सीरोपॉजिटिव स्टडी बताती है कि देश में अभी तक का वैक्सीनेशन कारगर रहा है। ऐसी कोई वजह सामने नहीं आई कि लोग वैक्सीनेशन के लिए भागदौड़ करें।
देश में वैक्सीन की कमी नहीं
अरोड़ा ने ये भी बताया कि कम से कम (At Least) 85% लोगों को पहला डोज (Single Dose) लग चुका है। दिल्ली में 97%, UP में 88% और तेलंगाना में 85% आबादी सीरोपॉजिटिव है। देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। हर महीने 30-35 करोड़ डोज तैयार किए जा रहे हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आप बिना वजह डोज लगवाएं। देश में कोरोना के केस भी घट रहे हैं, ऐसे में ज्यादा चिंता की बात नहीं है। हम कई देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में हैं।
अरोड़ा का बयान ऐसे समय आया है, जब तेलंगाना के स्वास्थ्य अधिकारियों समेत कई अफसर खुले तौर पर तीसरे डोज की पैरवी कर चुके हैं। उनका कहना है कि कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को तीसरा डोज लेना चाहिए।
दूसरे डोज के 6 महीने बाद बूस्टर डोज लेना सही
कोवैक्सिन (Covaxin) बनाने वाली भारत बायोटेक के MD डॉ. कृष्णा एल्ला कह चुके हैं कि दूसरा डोज लेने के 6 महीने बाद बूस्टर डोज लेना सही रहेगा। हालांकि, इस बारे में आखिरी फैसला सरकार को लेना है। अमेरिका समेत कई देशों ने बूस्टर (तीसरा डोज) देना शुरू कर दिया है, लेकिन भारत में अभी इसकी शुरुआत नहीं हुई है।