कोरोना के नए स्ट्रेन का खौफ साफ तौर पर दिखने लगा है। नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Variant) के सामने आने के बाद सरकार की चिंता बढ़ गई है। केंद्र ने अब हालात से निपटने के लिए इंटरनेशनल पैसेंजर्स के लिए रिवाइज गाइडलाइंस जारी कर दी।जो एक दिसंबर से लागू होगी।
पोर्टल पर अपलोड करनी होगी डिटेल
नए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के मुताबिक विदेश से भारत आने वाले सभी यात्रियों को एयर सुविधा पोर्टल पर अपने RT-PCR टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट अपलोड करनी होगी साथ ही पैसेंजर्स से उनकी पिछले 14 दिन की ट्रैवल हिस्ट्री का रिकॉर्ड मांगा जाएगा यानी वे इस दौरान किस-किस देश में गए। यह कवायद इसलिए की जा रही है ताकि यह देखा जा सके कि इस दौरान वे केंद्र सरकार की तरफ से 'एट रिस्क' लिस्ट में शामिल देशों में तो नहीं गए।
लिस्ट से बाहर के देश वालों का होगी रेंडम टेस्टिंग
'कंट्री एट रिस्क' लिस्ट से बाहर के देशों से आ रहे पैसेंजर्स को भारत में उतरने पर एयरपोर्ट से बाहर जाने की इजाजत होगी। ऐसे पैसेंजर 14 दिन तक अपनी हेल्थ को सेल्फ मॉनिटर करेंगे। इन पैसेंजर में से एक सब-सेक्शन (कुल पैसेंजर का 5% हिस्सा) का एयरपोर्ट पर उतरने के बाद कोविड टेस्ट किया जाएगा। यह टेस्ट रेंडम तरीके से यात्रियों को चुनकर किया जाएगा।
एयरपोर्ट पर होगा कोरोना टेस्ट
'एट रिस्क' लिस्ट वाले देश से आने वाले पैसेंजर्स का एयरपोर्ट पर भी कोविड टेस्ट होगी। रिपोर्ट आने तक उन्हें वहीं इंतजार करना होगा। यदि टेस्ट निगेटिव आता है तो उन्हें कोरोना प्रोटोकॉल के तहत 7 दिनों तक घर में अनिवार्य क्वारंटीन रहना होगा। इसके बाद उनका 8वें दिन दोबारा टेस्ट होगा और यदि वह भी निगेटिव आता है तो अगले 7 दिन उन्हें अपनी हेल्थ को सेल्फ-मॉनिटर करने की इजाजत मिलेगी। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव निकलती है तो उन्हें आइसोलेशन सेंटर्स में भेज दिया जाएगा।
इन देशों पर ज्यादा निगरानी
जिन देशों को जोखिम की श्रेणी में शामिल किया गया है। उनमें ब्रिटेन समेत सभी यूरोपीय देश, इजराइल, साउथ अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर और हांगकांग शामिल हैं।
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