लापरवाही: MP में याात्रियों की नहीं हो पा रही ट्रैकिंग, 13 दिन में 1668 विदेशी आए, 883 का पता नहीं

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लापरवाही: MP में याात्रियों की नहीं हो पा रही ट्रैकिंग, 13 दिन में 1668 विदेशी आए, 883 का पता नहीं

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का मध्यप्रदेश में खतरा बढ़ गया है। प्रदेश से सटे तीन राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान में ओमिक्रॉन पहुंच जाने से प्रदेश में भी चिंता बढ़ गई है। सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की स्थिति को लेकर समीक्षा बैठक की। स्वास्थ्य विभाग के प्रजेंटेशन के मुताबिक प्रदेश में विदेश से आने वाले यात्रियों की टेस्टिंग तो दूर ट्रैकिंग तक नहीं हो पा रही है।

मोबाइल नंबर गलत होने से नहीं हो पा रही ट्रैसिंग

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने विदेश से आए लोगों की जानकारी को लेकर प्रजेंटेशन दिया। जिसमें 24 नवंबर से 6 दिसंबर सुबह 8 बजे तक विदेश से प्रदेश में 1668 यात्री आए। इनमें से 785 यात्री ही ट्रैस हुए हैं। 883 यात्री लापता हैं। खास बात तो यह है कि हाई रिस्क कंट्रीज से प्रदेश में 697 यात्री आए। इसमें से 523 की ही RTPCR के लिए सैंपल लिए गए। यानी 174 की RTPCR जांच भी नहीं हुई। अधिकारियों ने बताया कि लोगों के ट्रैस नहीं होने का कारण पते और मोबाइल नंबर गलत होना है।

तीसरी लहर आने से रोकने की कोशिश रहेगी

सीएम ने बैठक में कहा कि तीसरी लहर से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किये जा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि बैतूल में 50 बिस्तरीय मॉड्यूलर इकाई की स्थापना की जा रही है, जिसकी लागत 1 करोड़ 60 लाख रुपए है। सीहोर में भी 50 बिस्तरीय मॉड्यूलर इकाई की स्थापना की जा रही है।हमारी पूरी कोशिश है कि हम तीसरी लहर को आने से रोकें. इसके लिए हम हर संभव उपाय कर रहे हैं

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Madhya Pradesh Bhopal passenger No Trekking wrong mobile numbers