एमपी और पूरे देश में ओमीक्रोन के बढ़ते खतरे के चलते कोरोना वायरस की तीसरी लहर का डर बढ़ने लगा है। ऐसे में कोरोना (Coronavirus) के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) का पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग (Genome Sequencing) आजकल सबसे ज्यादा चर्चा में है।इसके बाद भी भोपाल से पिछले महीने नए वैरिएंट की जांच के लिए भेजे गए 30 सैंपल की रिपोर्ट अभी तक स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिली है।
एमपी में लैब हो तो 48 घंटे में मिलेगा रिजल्ट
मध्य प्रदेश में भी कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन यह पता नहीं चल पा रहा कि इनमें से कोई ओमीक्रोन से संक्रमित है या नहीं। इसका कारण यह है कि प्रदेश के किसी मेडिकल कॉलेज में जीनोम सीक्वेंसिंग की सुविधा ही नहीं है।यदि मप्र में जीनोम सीक्वेंसिंग शुरू हो जाए तो 48 घंटे में रिजल्ट स्वास्थ्य विभाग को मिलने लगेगा। मप्र में सबसे ज्यादा 70 एक्टिव मरीज भोपाल में हैं।
भोपाल में सबसे ज्यादा एक्टिव केस
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने 16 नवंबर से 30 नवंबर के बीच करीब 50 सैंपल जांच के लिए भेजे थे।इनमें से 30 की रिपोर्ट आज भी नहीं मिली है, 1 दिसंबर से 10 दिसबंर के बीच 20 से ज्यादा नए सैंपल जांच के लिए फिर भेजे जा चुके हैं। प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल दिल्ली और पुणे भेजे जाते हैं। हर महीने 300 सैंपल जांच के लिए दिल्ली और पुणे की लैब में भेजे जा रहे हैं।
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