कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के कारण कोविड की तीसरी लहर की आशंका बढ़ गई है। मध्यप्रदेश में सरकार ने संक्रमण इसके रोकथाम के लिए ट्रैक, टेस्ट और ट्रीट की रणनीति बनाई है। लेकिन जनता है कि प्रशासन को सहयोग नहीं कर रही है। जांच नहीं करने के लोगों के बहाने पहले ही तैयार है।
लोगों ने बनाए कई बहाने
भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर- 1 और 5 दोनों तरफ कोरोना जांच के लिए टीम तैनात है। यहां टीम दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों की जांच करती है। इसके अलावा भी रेलवे स्टेशन में प्रवेश करने वाले यात्रियों की भी जांच की जाती है। यहां पहले तो यात्री जांच कराने आते नहीं हैं। टीम के सदस्यों को उनको जांच के लिए बुलाने पर उनके बहाने पहले से ही तैयार रहते हैं। कोई कहता है कि उसे दोनों डोज लग गई है। अब टेस्ट क्यों कराएं? किसी के पास टेस्ट के लिए समय नहीं है। हद तो यह है कि उनको समझाने में कई बार लोग लड़ाई करने तक पर उतारू हो जाते हैं। जनता की ये लपरवाही भारी पड़ सकती है।
स्वास्थ विभाग की तैयारी
स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की जांच के लिए 63 टीमें तैनात की हैं। इसमें 18 मोबाइल वैन हैं। ये टीमें शहर के अलग-अलग इलाकों के अलावा भोपाल, रानी कमलापति, बैरागढ़ रेलवे स्टेशन समेत बस स्टैंड पर आने-जाने वाले यात्रियों की कोरोना जांच करती हैं।
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