नई दिल्ली. पूरी दुनिया एक बार फिर कोरोना की नई दहशत से जूझ रही है। भारत सरकार के मुताबिक, 29 देशों में अब तक कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के 373 केस मिल चुके हैं। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, कोरोना के डेल्टा, बीटा वैरिएंट के मुकाबले ओमिक्रॉन से दोबारा संक्रमण का खतरा 3 गुना तक ज्यादा है। दक्षिण अफ्रीकी साइंटिस्ट ने अपने रिसर्च पेपर में ये बात कही है। 27 नवंबर तक 28 लाख लोग पॉजिटिव आए थे, इसमें से 35 हजार 670 लोग दोबारा संक्रमित होने वाले संदिग्ध थे।
क्या बोले वैज्ञानिक?
साउथ अफ्रीका की वैज्ञानिक जूलियट पुलियाम के मुताबिक, हाल ही में जो दोबारा संक्रमण केस मिले हैं, उनमें से ज्यादातर कोरोना की तीनों वेव्स (लहर) में संक्रमित हुए। इसमें से भी ज्यादा में संक्रमण डेल्टा वेव के दौरान देखा गया। हालांकि, शोध में ये नहीं बताया गया कि लोगों का वैक्सीन स्टेटस क्या था और वैक्सीन ओमिक्रॉन पर किस तरह असर डालेगी। जूलियट ने ये भी कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के तीक्ष्णता को लेकर डेटा आना बाकी है। हमें ये भी देखना होगा कि जिस व्यक्ति में ओमिक्रॉन मिला, उसकी संक्रमण को लेकर हिस्ट्री क्या है।
पहले के वैरिएंट से काफी तेज
दक्षिण अफ्रीका में बीटा वैरिएंट 50% मामलों और डेल्टा के 75% केस मिलने में 100 दिन लगे थे, लेकिन ओमिक्रॉन महज 10 दिन में 80% मामलों में मिलने लगा है। इसलिए इसे बाकी वायरस वैरिएंट्स से 500% तेज माना जा रहा है।
स्पाइक प्रोटीन ज्यादा शक्तिशाली
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, मानव कोशिकाओं से चिपकने में मदद करने वाले स्पाइक प्रोटीन (S Protein) इस वैरिएंट में ज्यादा ताकतवर है, इसलिए यह ज्यादा तेजी से फैल रहा है। आशंका है कि इसकी म्यूटेशन (Mutation) की रफ्तार भी दोगुनी हो सकती है। WHO ने ओमिक्रॉन को वैरिएंट ऑफ कंसर्न माना है।
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