जामनगर. ओमिक्रॉन वैरिएंट (omicron Varriant) के देश में चार मरीज मिल चुके हैं। 4 दिसंबर को गुजरात के जामनगर में तीसरा मरीज मिला था। इसके बाद मुंबई में भी एक ओमिक्रॉन वैरिएंट का मरीज मिला। ये 33 साल का शख्स साउथ अफ्रीका से आया था। गुजरात के स्वास्थ्य विभाग (health department) ने बताया कि संक्रमित शख्स जिम्बाब्वे (zimbabwe) से आया है। देश में ओमिक्रॉन के वैरिएंट के अब तक कुल 4 केस मिल चुके हैं। इससे पहल दो केस कर्नाटक में पाए गए हैं, जिनमें से एक मरीज पहले ही दुबई लौट चुका है, जबकि दूसरे मरीज का इलाज चल रहा है।
गुजरात में ओमिक्रॉन वेरिएंट की पुष्टि
गुजरात के स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, संक्रमित व्यक्ति की उम्र 72 वर्ष है। गुरुवार को इनकी कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव (positive) आने के बाद सैंपल को जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था। गुजरात के हेल्थ कमिश्नर जय प्रकाश शिवहरे ने इस बात की पुष्टि की कि बुजुर्ग व्यक्ति कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हैं।
जिम्बाब्वे से गुजरात आया था मरीज
कोरोना के मूल वेरिएंट के मुकाबले ओमिक्रॉन में 50 से अधिक म्यूटेशन हो चुके हैं। इसके स्पाइक प्रोटीन में भी काफी बदलाव हुआ है। जिम्बाब्वे अधिक जोखिम वाले देशों की श्रेणी में शामिल है। अधिकारियों ने कहा कि यह व्यक्ति 28 नवंबर को जिम्बाब्वे से गुजरात आया था और दो दिसंबर को कोरोना वायरस से संक्रमित मिला था, जिसके बाद उसका नमूना जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा गया था। जामनगर के निगमायुक्त विजय कुमार खराडी ने कहा था कि नमूना जीनोम सिक्वेंसिंग अहमदाबाद भेजा गया था ताकि यह पता लगाया जा सके कि व्यक्ति 'ओमीक्रोन' से संक्रमित है या नहीं। उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति पिछले कई साल से जिम्बाब्वे में रह रहा है और वह राज्य में अपने ससुर से मिलने आया था।
ओमिक्रॉन का सीटी वैल्यू कम है
कर्नाटक सरकार के मुताबिक ओमिक्रॉन वैरिएंट के और भी मरीज हो सकते हैं, इन मरीजों में कई ऐसे मरीज हैं जिनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। हालांकि अब तक इसके लिए कोई खतरनाक लक्षण दिखाई नहीं दिए। एक्सपर्ट को ओमिक्रॉन के लक्षण में लो सीटी (cycle threshold) वैल्यू दिखाई दी है, यानी वायरस का बहुत ज्यादा घनत्व नहीं है। यही कारण है कि जितने इंटरनेशनल यात्री पॉजिटिव पाए गए हैं उनमें लो सीटी लेवल देखा गया है।
ऑक्सीजन और डेल्टा वेरिएंट में अंतर
दक्षिण अफ्रीकी डॉक्टर के मुताबिक शुरुआती विश्लेषण के मुताबिक ओमिक्रॉन से पीड़ित मरीज को बुखार, बहुत ज्यादा थकान, सिर दर्द, बॉडी दर्द, गले में खरांश आदि हो सकता है। हालांकि दिलचस्प बात यह है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से पीड़ित मरीजों में डेल्टा वेरिएंट की तरह गंध और स्वाद नहीं जाता। न ही इसमें पल्स रेट बढ़ते हैं और ऑक्सीजन लेवल में भी कमी नहीं आती।
ओमिक्रॉन से कैसे बचें
दक्षिण अफ्रीकी डॉक्टर ओमिक्रॉन वैरिएंट से बचने के लिए कोरना गाइडलाइन का पालन करने की सलाह देते हैं। इसके अलावा डाइट में ऐसी चीजों को शामिल करने की सलाह दी जाती है जिनमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी, जिंक और विटामिन सी मौजूद हो। ऐसा भोजन करें जिनमें एंटीऑक्सीडेंट्स हो। ये चीजें आपके जीवन को बचा सकती हैं और बीमारी को फैलने से भी रोक सकती है।
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