यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने बुधवार को कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए फाइजर की गोली पैक्सलोविड को हरी झंडी दे दी है। यह पिल 12 साल या उससे ज्यादा उम्र के हाई-रिस्क वाले कोरोना संक्रमितों को दी जा सकती है। हालांकि अभी भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इस टैबलेट के ग्रीन सिग्नल का इंतजार बाकी है। ये टैबलेट नए वैरिएंट पर भी प्रभावी है
टैबलेट से मौत का खतरा 90% तक कम हुआ
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच फाइजर की इस दवा को महामारी के खिलाफ मील का पत्थर माना जा रहा है। पिल को मंजूरी मिलने पर FDA के सेंटर फॉर ड्रग इवैल्यूएशन एंड रिसर्च के डायरेक्टर पैट्रीजिया कैवाजोनी ने कहा कि महामारी से लड़ाई में यह एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार होगा जब कोरोना मरीजों का इलाज पिल के जरिए होगा। फाइजर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष अल्बर्ट बोरूला ने बताया कि अस्पताल में कोरोना का इलाज करा रहे 2,200 लोगों पर इस टैबलेट का परीक्षण करने पर इसमें अप्रत्याशित परिणाम सामने आए। टैबलेट से मौत के जोखिम को 90 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
1 कोर्स की कीमत 40 हजार रुपए
एजेंसी के अनुसार, फाइजर के क्लिनिकल परीक्षण के आंकड़ों से पता चला है कि इसकी दो-दवाएं एंटीवायरल रेजिमेन गंभीर बीमारी वाले रोगियों पर प्रभावी थीं। अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु को रोकने में 90% प्रभावी थीं। हाल के लैब से मिले आंकड़ों से पता चलता है कि यह दवा ओमिक्रॉन वैरिएंट पर भी प्रभावी है। फाइजर दवा की 10 मिलियन खुराक के लिए अमेरिकी सरकार ने अनुबंध किया है। इसकी कीमत $530 प्रति कोर्स (1 कोर्स के लिए चुकाने होंगे 40 हजार रुपए)रखी गई है।
द-सूत्र ऐप डाउनलोड करें :
https://bit.ly/thesootrapp
द-सूत्र को फॉलो और लाइक करें:
">Facebook | Twitter | Instagram | Youtube