Indore. वैक्सीनेशन की धीमी गति से परेशान स्वास्थ्य विभाग अब बुजुर्गों के शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए नई नीति से काम करेगा। विभाग अब घर-घर सर्वे कर ऐसे बुजुर्गों की पहचान करेगा जिनका अब तक टीकाकरण पूरा नहीं हुआ है। बुजुर्गों को टीकाकरण केंद्र जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, सर्वे टीम उन्हें मौके पर ही कोरोना का टीका लगाएगी। सर्वे की जिम्मेदारी एएनएम और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है। उन्हें अपने नियमित काम के साथ-साथ यह काम भी करना होगा।
जिला टीकाकरण अधिकारी ने की पुष्टि
जिला टीकाकरण नोडल अधिकारी ने घर-घर जाकर बुजुर्गों के टीकाकरण की पुष्टि करते हुए बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने क्षेत्र से परिचित होती हैं। उनके लिए इस तरह का सर्वे आसान होता है। वे अपने नियमित टीकाकरण के साथ-साथ यह सर्वे भी करेंगी कि कहीं किसी घर में ऐसे बुजुर्ग तो नहीं हैं, जिन्हें अब तक कोरोना का टीका ही नहीं लगा। ऐसे बुजुर्गों का पता लगाकर मौके पर ही टीका लगाया जाएगा। कई बार बीमार होने या शारीरिक अक्षमता की वजह से बुजुर्गों के लिए टीकाकरण केंद्रों तक पहुंचना मुश्किल होता है और वे टीका लगवाने से चूक जाते हैं। अब ऐसा नहीं होगा। हमारा लक्ष्य शत प्रतिशत टीकाकरण है। बुजुर्गों के लिए तो यह बहुत जरूरी है क्योंकि वे अति जोखिम श्रेणी में आते हैं। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य के मुकाबले कम होती है।
6 महीने में लगेगा बूस्टर डोज
अब तक सतर्कता डोज सिर्फ उन्हीं लोगों को लगाई जा रही थी, जिन्हें कोरोना का दूसरा टीका लगवाए 9 महीने हो चुके हैं, लेकिन अब इस नीति में भी बदलाव किया गया है। अब सतर्कता डोज कोरोना का दूसरा टीका लगवाने के 6 महीने या 26 हफ्ते बाद ही लगवाया जा सकता है। उम्मीद जताई जा रही है कि इसके बाद सतर्कता डोज लगवाने वालों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। जिले में वर्तमान में करीब दो लाख लोग ऐसे हैं जिन्हें कोरोना का दूसरा टीका लगवाए छह माह से अधिक समय बीत चुका है लेकिन वे सतर्कता डोज लगवाने टीकाकरण केंद्र पर पहुंचे ही नहीं। विभाग ऐसे लोगों को लगातार मैसेज भी कर रहा है लेकिन कुछ नहीं हो रहा।