नई दिल्ली. देश में एक बार फिर से कोरोना को लेकर चिंता बढ़ गई है। दिल्ली समेत आधे एनसीआर में संक्रमण दर बढ़ने लगी है। बीते एक हफ्ते में हर तीसरा संक्रमित इसी क्षेत्र से आया है। 7 से 14 अप्रैल के बीच देश में मिले कुल संक्रमितों में करीब 29 फीसदी दिल्ली-एनसीआर से हैं। हालात और बिगड़े तो तीसरी लहर खत्म होने के बाद अब यह क्षेत्र महामारी का केंद्र बन सकता है।
कुछ इस तरह रही स्थिति
आंकड़ों पर नजर डालें तो हफ्ते भर में सभी राज्यों से 7088 कोरोना मरीज सामने आए। इनमें 2023 मरीज दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में मिले हैं, जो करीब 28.54 फीसदी है। जबकि बीते बुधवार को देश में एक दिन के भीतर 1088 नए मामले सामने आए थे। इनमें हर दूसरा मरीज दिल्ली या फिर सीमा से सटे शहरों में मिला है।
दिल्ली में 299, गुरुग्राम में 146, फरीदाबाद में 27 और नोएडा में 33 मामले सामने आए थे। नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के वरिष्ठ डॉ. संजय राय का कहना है कि इसे एनसीआर क्षेत्र से कोरोना की नई लहर माना जा सकता है। इसके प्रभाव के बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा। वहीं, लांसेट कोविड-19 कमीशन इंडिया टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. गिरधर गिरी का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में केरल, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र और मिजोरम में संक्रमण बढ़ा है। सिर्फ एनसीआर की बात करें तो यहां पूरे देश में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।
नई लहर का संकेत
महामारी की नई लहर को जानने के लिए महामारी विज्ञान और गणितीय मॉडल दोनों के स्तर पर कई अहम ट्रेंड को समझना जरूरी है। जब भी संक्रमण दर और दैनिक मामलों में बढ़ोतरी लगातार दो हफ्ते तक होती है तो वह एक नई लहर का संकेत होता है। दो हफ्ते या 15 दिन की इस स्थिति को जब गणितीय मॉडल के साथ ग्राफ के रूप में देखते हैं तो नई लहर भी नजर आने लगती है।
दिल्ली के अस्पतालों में 10 फीसदी मरीज बढ़े
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग से जानकारी मिली है कि अस्पतालों में कोरोना से जुड़े मरीजों में करीब 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। सात अप्रैल तक इन अस्पतालों में कुल 39 मरीज भर्ती थे जिनमें 24 संदिग्ध और 15 संक्रमित रोगी थे, लेकिन 13 अप्रैल तक अस्पतालों में कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 43 हो गई। इनमें 32 संदिग्ध और 11 संक्रमित रोगी हैं।