कोरोना की तीसरी लहर का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों पर बताया जाता रहा है। कोरोना के नए वैरिएंट से इंडोनेशिया में करीब 800 बच्चों की मौत हो चुकी है। ऐसे हालातों से बचने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने कोरोना वैक्सीन ‘कोवोवैक्स’ (Covovax) के ट्राइल की मंजूरी मांगी है, जिसकी सिफारिश सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन की कमेटी ने भी की है।
2 से 17 साल के बच्चों को लगेगी वैक्सीन
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने SII की वैक्सीन के ट्रायल की सिफारिश की है। कमेटी की गाइडलाइन के मुताबिक सिर्फ 2 से 17 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी। सीरम इंस्टीट्यूट और अमेरिकी दवा कंपनी नोवावैक्स (Novavax) के बीच डील हुई है, जिसके बाद भारत में इसे कोवोवैक्स के नाम से लॉन्च किया जाएगा।
1380 बच्चों पर होगा ट्रायल
रिपोर्ट की माने तो उम्र के हिसाब से बच्चों को दो वर्गों में बांटा गया है, पहले वर्ग में 12 से 17 साल के बच्चे और दूसरे वर्ग में 2 से 11 साल के बच्चों को रखा गया है। पहले वर्ग में 920 बच्चों को वहीं दूसरे वर्ग में 460 बच्चों को शामिल किया गया है, इनका 10 जगहों पर ट्रायल किया जाएगा।