हैदराबाद. देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के केस बढ़ने लगे हैं। इसी बीच हैदराबाद यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर रहे एक सीनियर भौतिकशास्त्री ने दावा किया है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर संभवत: 4 जुलाई से शुरू हो चुकी है।
एक्सपर्ट का फॉर्मूला
डॉ. विपिन श्रीवास्तवज ने देश में पिछले 463 दिन में संक्रमण के मामलों और उससे मौतों की संख्या के आंकड़ों का अध्ययन करने का एक खास तरीका डेवलप किया था। उन्होंने बताया कि 4 जुलाई की तारीख इस साल फरवरी के पहले हफ्ते जैसी लगती है, जब दूसरी लहर शुरू हुई थी। श्रीवास्तव ने 24 घंटे में संक्रमण से मौत के मामलों और इसी दौरान में इलाज ले रहे नए मरीजों की संख्या के अनुपात का एनालिसिस किया।
डेली डेथ लोड में उतार-चढ़ाव
उन्होंने बताया कि जब भी संक्रमण से रोजाना मौत के मामलों के बढ़ने की प्रवृत्ति से घटने की प्रवृत्ति की ओर बढ़ते हैं या इसके विपरीत आते हैं, तो डेली डेथ लोड (DDL) में तेजी से उतार-चढ़ाव होता है। हालांकि, उस समय संक्रमण से मौत के मामले 100 के क्रम में या उससे भी कम थे। हम महामारी खत्म होने के भ्रम में थे, लेकिन बाद में स्थिति भयावह हो गई। 4 जुलाई से भी इसी तरह की प्रवृत्ति की शुरुआत देखी जा सकती है।
दुआ मांगें और सावधानी बरतें
डॉ. श्रीवास्तव ने कहा, ‘हमें यही उम्मीद और दुआ करनी चाहिए कि डीडीएल निगेटिव बना रहे। दूसरी लहर के भयावह रूप को देखने के बाद जनता और प्रशासन को ज्यादा सावधानी बरतनी होगी। नई लहर की शुरुआत के किसी भी संशय पर भी सतर्कता रखें। हालांकि, ज्यादा निगेटिव डीडीएल भी अच्छा नहीं है, क्योंकि इससे संकेत मिलता है कि 24 घंटे में स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या की तुलना में इसी अवधि में नए मरीजों की संख्या रफ्तार पकड़ रही है।‘
24 घंटे में 37 हजार से ज्यादा केस मिले
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के 12 जुलाई को जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में एक दिन में कोरोना के 37 हजार 154 नए मामले सामने आए। इसके बादसंक्रमितों की संख्या बढ़कर 3 करोड़ 08 लाख 74 हजार 376 हो गई। वहीं, देश में संक्रमण मुक्त हुए लोगों की संख्या भी 3 करोड़ के पार हो गई है। 724 कोरोना मृतकों के बाद कुल मौतों का आंकड़ा बढ़कर 4 लाख 08 हजार 764 हो गया है। एक्टिव केसों की संख्या कम होकर 4 लाख 50 हजार 899 हो गई है, जो कुल मामलों का 1.46% है। पिछले 24 घंटे में एक्टिव केसों में कुल 3,219 की कमी आई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.22% है।