एक्सपर्ट व्यू: डेल्टा प्लस वैरिएंट से नहीं आ सकेगी तीसरी लहर, हर वायरस म्यूटेट होता है

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एक्सपर्ट व्यू: डेल्टा प्लस वैरिएंट से नहीं आ सकेगी तीसरी लहर, हर वायरस म्यूटेट होता है

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने इस बात कि पुष्टि कर दी है कि डेल्टा प्लस तीसरी लहर का कारण नहीं होगी, इसके और वजहें भी हो सकती हैं। डॉ. सुमित अग्रवाल ने बताया है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट से तीसरी लहर का अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी, इसके दूसरे कारण भी हो सकते हैं। साथ ही कहा की प्रत्येक वायरस में म्यूटेट होने की एक सामान्य प्रवृत्ति होती है, जिसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता। महामारी की शुरुआत में यह अल्फा था, बाद में यह डेल्टा हुआ और अब यह डेल्टा प्लस हो गया है। भविष्य में और भी म्यूटेशन देखने को मिल सकते हैं। हमें इसके साथ ही आगे बढ़ना होगा। हालांकि, उन्होंने इसे चिंताजनक बताया है।विशेषज्ञों का कहना है कि 'अब तक हमने डेल्टा प्लस वैरिएंट के तीन लक्षणों की पहचान की है। पहला- यह बहुत तेजी से फैलता है। दूसरा- यह फेफड़ों को बहुत तेजी से नुकसान पहुंचाता है। तीसरा- मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी का असर कम कर देता है।' अग्रवाल डिवीजन ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिकेबल डिजीज, आईसीएमआर में वैज्ञानिक और प्रोग्राम ऑफिसर हैं।

अब तक 6 राज्यों में मिले डेल्टा प्लस के मरीज

देश में अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के 40 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। इनमें महाराष्ट्र, केरल, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर और तमिलनाडु शामिल हैं। महाराष्ट्र में नए वैरिएंट के सबसे ज्यादा 21 केस मिले हैं। मध्यप्रदेश में भी इसके 5 केस सामने आए थे। इसमें से उज्जैन की एक महिला जान गंवा चुकी है। बताया जा रहा है कि महिला को वैक्सीन नहीं लगी थी। वहीं उसके पति ने वैक्सीन ली थी, जिसके कारण वह स्वस्थ है। 4 अन्य लोग भी ठीक होकर अपने घर में हैं। जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में बुधवार को इसका पहला मामला दर्ज किया गया।

केंद्र सरकार ने वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया

देश में दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार कोरोना वैरिएंट डेल्टा एक बार फिर रूप बदलकर हमला कर रहा है। इसे डेल्टा प्लस का नाम दिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट देश में कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। केंद्र सरकार ने भी 23 जून को इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित कर दिया है। डेल्टा प्लस का भारत में पहला मामला 5 अप्रैल को महाराष्ट्र में लिए गए एक सैंपल में पाया गया।

अब तक 11 देशों में पहुंचा डेल्टा प्लस वैरिएंट

डेल्टा प्लस वैरिएंट अब तक 11 देशों में दस्तक दे चुका है। इनमें भारत के अलावा ब्रिटेन, कनाडा, जापान, नेपाल, पोलैंड, पुर्तगाल, रूस, स्विट्जरलैंड, तुर्की और अमेरिका में 197 सैम्पल में डेल्टा प्लस वेरिएंट पाया गया है। डेल्टा प्लस को 'AY.1' संस्करण या B.1.617.2.1 के रूप में भी जाना जाता है। डेल्टा वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में आए एक बदलाव (म्यूटेशन) के कारण डेल्टा प्लस बना। स्पाइक प्रोटीन से ही वायरस शरीर में फैलता है। डेल्टा प्लस के स्पाइक प्रोटीन में जो बदलाव देखा गया है वही बदलाव साउथ अफ्रीका में सबसे पहले पाए गए बीटा वैरिएंट में भी देखा गया है।

कोरोना की तीसरी लहर