भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में अब डेल्टा वैरिएंट की जांच हो सकेगी। NCDC (नेशनल कॉपरेटिव डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) की मशीन हॉस्पिटल की 6वीं मंजिल पर जल्द ही लगाई जाएगी। जिससे प्रदेश में ही जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच होने लगेगी। जीनोम सीक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस का बायोडेटा होता है। कोई वायरस कैसा है, किस तरह दिखता है, इसकी जानकारी जीनोम से मिलती है। डेल्टा प्लस की जांच के लिए सैंपल दिल्ली भेजे जाते। ऐसे में रिपोर्ट आने में वक्त लगता है। प्रदेश में ही जांच होने से अधिक से अधिक सैंपल की जांच जल्द से जल्द हो पाना संभव हो सकेगा। इसकी खबर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने दी और बताया कि दिल्ली से रिपोर्ट आने में 22 दिन का समय लगता है, जो अब भोपाल में ही सिर्फ 5 दिन में मिल जाएगी।