दवाओं पर रिसर्च: UK की यूनिवर्सिटी ने 15 ड्रग्स को पाया कोरोना के इलाज में उपयोगी

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दवाओं पर रिसर्च:  UK की यूनिवर्सिटी ने 15 ड्रग्स को पाया कोरोना  के इलाज में  उपयोगी

कोरोना को रोकने और इलाज के लिए दवा बनाने की कोशिश दुनियाभर में की जा रही है। लंदन के फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट और डंडी यूनिवर्सिटी ने मिलकर 5 हजार से ज्यादा दवाइयों और केमिकल्स पर रिसर्च की। रिसर्च में पाया गया कि 15 ड्रग्स का उपयोग कोविड-19 वायरस के इलाज में किया जा सकता है। इन ड्रग्स की मदद से लक्षणों को कम करने के साथ रिकवरी को तेजी से बढ़ाया जा सकता है। इन दवाइयों से ब्लड कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के साथ कोरोना से जूझ रहे मरीजों को फायदा मिलेगा। ऐसे मरीजों पर वैक्सीन ज्यादा असरदार नहीं होती है।

अलग-अलग एंजाइम पर किया रिसर्च

रिसर्च के दौरान सभी 5 हजार ड्रग्स को कोरोना के 7 अलग-अलग एंजाइम पर टेस्ट किया गया। कोरोना के इलाज के लिए जिन दवाओं की पहचान की गई है, उनमें से कुछ का उपयोग दूसरी बीमारियों के इलाज में किया जा रहा है। इसमें एक लोमेगुएट्रिब का उपयोग मेलेनोमा (एक तरह का स्किन कैंसर) में किया जाता है। इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हैं। दूसरा ड्रग सुरामिन है। इसका उपयोग अफ्रीका में पाई जाने वाली नींद की बीमारी और रिवर ब्लाइंडनेस (एक तरह का अंधापन) में किया जाता है।

रेमडेसिविर के साथ ड्रग मिक्सिंग

वैज्ञानिक जॉन डिफ्ली के मुताबिक, 'हमने एक केमिकल टूलबॉक्स बनाया है। इससे कोरोना के इलाज में मदद मिलेगी। दुनियाभर के रिसर्चर्स का इस पर ध्यान जाएगा और इसे बड़े स्तर पर टेस्ट किया जाएगा। 15 मॉलिक्यूल्स की जांच रेमडेसिविर के साथ भी की गई। इस ड्रग को कोरोना मरीजों के इलाज में उपयोग किया जा रहा है। अब इन ड्रग्स को अलग तरह से टेस्ट करने का प्लान किया जा रहा है। इसमें सभी ड्रग्स को अलग-अलग टेस्ट करने के साथ मिलाकर भी टेस्ट किया जाएगा। इससे पता चलेगा कि ड्रग का अकेले उपयोग ज्यादा प्रभावी हैं या मिक्सिंग से।

भारत में 33 करोड़ से ज्यादा वैक्सीनेशन

कोविड-19 के नए केस घटने और कई राज्यों में अनलॉक होने के बाद अब कोरोना की तीसरी लहर की चर्चा शुरू हो गई है। भारत में वैक्सीनेशन ने रफ्तार पकड़ ली है। 1 जुलाई तक कोरोना के 33 करोड़ से अधिक डोज दिए जा चुके हैं। पूरे देश में 20% से अधिक वयस्क आबादी ऐसी है, जो कम से कम एक डोज ले चुकी है। 4.3% आबादी पूरी तरह वैक्सीनेटेड हो चुकी है।

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