देश में डेल्टा+ वैरिएंट के खतरे के बीच कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता पर केंद्र सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में बताया कि इस साल दिसंबर तक उसे वैक्सीन के सिर्फ 135 करोड़ डोज ही मिलेंगे। इससे पहले मई में जब देशभर में वैक्सीन की किल्लत सामने आई थी, तब केंद्र सरकार ने दावा किया था कि 31 दिसंबर तक देश के पास 216 करोड़ से ज्यादा डोज होंगी।
13 मई को क्या कहा था?
इससे पहले 13 मई को नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने एक उम्मीद भरी घोषणा की थी। पॉल ने बताया था कि इस साल अगस्त से दिसंबर तक वैक्सीन की 216 करोड़ डोज तैयार कर ली जाएगी। कोई भी वैक्सीन जिसे FDA या WHO ने अप्रूव किया हो, उसे भारत आने की अनुमति होगी।
इस बार के दावे में क्या फर्क?
पिछली बार सरकार ने कोवीशील्ड, कोवैक्सिन, बायो ई सब यूनिट वैक्सीन, जायडस कैडिला DNA, नोवावैक्स, भारत बायोटेक नेजल वैक्सीन, जिनोवा बायोफार्मा और स्पुतनिक-V की उपलब्धता के बारे में बताया था, लेकिन बीते दिन दाखिल हलफनामे में सरकार ने सिर्फ कोवीशील्ड, कोवैक्सिन, बायो ई सब यूनिट वैक्सीन, जायडस कैडिला DNA और स्पुतनिक-V का जिक्र किया है।
कोवीशील्ड-कोवैक्सिन के डोज भी घटाए
सरकार ने मई में कहा था कि अगस्त से दिसंबर के बीच हमारे पास कोवीशील्ड के 75 करोड़ और कोवैक्सिन के 55 करोड़ डोज होंगे। इस हलफनामे इनकी डोज भी घटाकर 50 करोड़ और 40 करोड़ बताई गई हैं। वहीं, स्पुतनिक-V की उपलब्धता को भी 15.6 करोड़ से घटाकर 10 करोड़ बताया गया है।