कोरोना के संभावित तीसरी लहर को देखते हुए सरकार ने कोरोना टीकाकरण अभियान को तेज कर दिया है। मध्यप्रदेश ने सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड बनाया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 17 लाख से ज्यादा टीका लगाने का दावा किया। मध्यप्रदेश सरकार ने 13 साल के बच्चे को भी वैक्सीनेटेड बता दिया और मोबाइल पर भेजे गए मैसेज में उसकी उम्र 56 वर्ष बताई।
13 की उम्र को 56 बताया
21 जून को टीका उत्सव के दिन मध्यप्रदेश के भोपाल के रहने वाले 13 वर्षीय वेदांत को वैक्सिनेट बता दिया गया और कोरोना टीकाकरण सर्टिफिकेट में उसकी उम्र 56 साल दिखाई गई। वेदांत के पिता रंजीत डांगरे ने कहा कि 21 जून की शाम करीब 7 बजे उन्हें मोबाइल पर एक मैसेज मिला कि वेदांत का टीका लग गया है। जबकि वह अभी 13 साल का है। जब मैसेज में भेजे लिंक से सर्टिफिकेट डाउनलोड किया तो मुझे पता चला कि उन्होंने वेदांत के उस दस्तावेजों का उपयोग किया है जो कुछ दिन पहले नगर निगम को दूसरे काम के लिए जमा किया था।
यह पहला मामला नही
यह अकेला मामला नहीं है जहां गलत तरीके से लोगों को वैक्सीनेटेड बता दिया गया है। भोपाल की ही रहने वाली नुजहत सलीम के पास भी वैक्सीन लगने का मैसेज आया था जबकि उन्होंने वैक्सीन नहीं ली थी। नुजहत ने कहा कि 21 जून को रात में करीब 10 बजे के पास उनके पास यह मैसेज आया। 21 जून को सतना के रहने वाले चैनेंद्र पांडेय के मोबाइल पर भी 5 मिनट के अंदर 3 मैसेज आए। तीनों मैसेज में तीन अलग अलग व्यक्तियों के वैक्सीन लगाने की जानकारी थी और उनका सर्टिफिकेट भी भेजा गया था।
मंत्री ने नकारा मामला
शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से सवाल पूछे गए। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है, कहीं कोई समस्या नहीं है। उन्होंने उलटे पत्रकार पर ही सवाल खड़े करते हुए कहा कि पता नहीं आप कहां से ऐसी बातें लेकर आए हैं। मैं यह पहली बार सुन रहा हूं, अगर कहीं ऐसा मिलेगा तो इसकी जांच अवश्य करवाई जाएगी।