Indore.इंदौर नारकोटिक्स द्वारा सौ करोड़ की ड्रग्स के साथ गुरुवार को इटारसी की होटल में पकड़ी गई लड़कियों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। तस्कर गरीब घर की लड़कियों को पैसों का लालच देकर इस काले धंधे में शामिल करते थे। पकड़ी गई सभी लड़कियां केवल स्कूली शिक्षा प्राप्त हैं। लड़कियों ने कबूला कि वे ड्रग्स की पैकिंग इस तरह से करते थे कि एअरपोर्ट पर स्कैनिंग में बच निकलती थीं।
लड़कियों ने कबूला कि हमें ड्रग्स भेजने के लिए बाकायदा ट्रेनिंग दी गई। ड्रग्स के साथ रवाना करने से पहले पंद्रह दिन विदेश की तफरी करवाई गई। एनसीबी ने बताया कि तीनों लड़कियों लालम जोनी, लाल वेंनहिनी और रामसंग मिजोरम की रहने वाली हैं और पंद्रह दिन पहले बंगलुरू से जिम्बाब्वे पहुंची थी। विदेश से लौटने के बाद उन्हें तीन सूटकेस में करीब 21 किलो (तीनों में सात-सात किलो) हेरोइन दी गई। तीनों फ्लाइट से दुबई होते हुए बंगलुरू पहुंची थीं। इन्हें ये ड्रग्स दिल्ली में किसी को डिलीवर करना था। राजधानी ट्रेन से तीनों बंगलुरू से दिल्ली के लिए निकलीं लेकिन जैसे ही इन्हें पता चला कि भोपाल में सख्त जांच हो रही हैं तो ये इटारसी में ही उतरकर होटल में ठहर गईं। सूचना के आधार पर एनसीबी टीम ने इन्हें होटल से गिरफ्तार कर लिया। एनसीबी की टीम इनके पूरे नेटवर्क की पड़ताल कर रही है।
विदेश भेजकर ट्रेनिंग देते हैं
इन लड़कियों को तस्कर विदेश इसलिए भेजते हैं ताकि उन्हें विदेशी तौर-तरीके और कामकाज से जुड़े लोगों से मिल लें। इन्हें पूरा नेटवर्क बताया जाता है । जब तस्करों को भरोसा हो जाता है कि लड़कियां उनका काम करने में माहिर हो गईं हैं तब उन्हें कूरियर बनाकर ड्रग्स लेकर भेजा जाता है। उन्हें एक ट्रिप के दो लाख रुपए मिलते हैं लेकिन वह काम पूरा होने के बाद। ट्रिप पर जाने से पहले उन्हें कुछ रुपए दिए जाते हैं । आम तौर पर कम पढ़ी-लिखी और गरीब घर की लड़कियों को नौकरी और पैसों का लालच देकर अपने गिरहो में शामिल किया जाता है। इन्हें रुपए देकर इस बात की गारंटी ली जाती है कि यदि कोई भी लड़की कहीं पकड़ी जाती है तो वह गिरोह के बारे में पुलिस को कुछ न बताएं।