INDORE. इंदौर के एक प्राइवेट अस्पताल में महेश्वर की रहने वाली 11 साल की बेटी उन गुनाहों की सजा काट रही है, जो उसने किए ही नहीं। एड्स जैसी जानलेवा बीमारी माता-पिता से विरासत में मिली। डेढ़ महीने पहले एक वहशी ने दुष्कर्म किया। भीतर के सारे अंग फट गए। जीवन के नाम पर सिर्फ धड़कन और टूटी सांसे ही बची हैं। नाबालिग डेढ़ महीने से जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है।
पीड़िता का अस्पताल में इलाज जारी
रेप के बाद 11 साल की नाबालिग को उसके माता-पिता पहले खरगोन के अस्पताल ले गए, फिर इंदौर के MYH ले आए, लेकिन परेशानी कम नहीं हुई। अरबिंदो हॉस्पिटल में एक ऑपरेशन और किया गया। हालत में थोड़ा सुधार है, लेकिन अभी तीन से चार ऑपरेशन और करना पड़ेंगे। लेकिन अब पैसों की तंगी के चलते पीड़िता के माता-पिता इलाज कराने को भी परेशान हो रहे हैं. उन्होंने मदद के लिए सीएम शिवराज से भी गुहार लगाई थी।
पूरे शरीर में फैला जहर
बच्ची से 12 मार्च को दुष्कर्म हुआ था। जिसके बाद एमवाय हॉस्पिटल में प्रायमरी इलाज की कोशिश की गई, लेकिन इन्फेक्शन से पूरे शरीर में जहर फैल रहा था। दुष्कर्म के कारण अंग फटने से शौच, बच्चेदानी और यूरिन पाइप एक ही हो गया है। फिलहाल पांच डॉक्टर्स देखरेख कर रहे हैं।
जो जांच यहां नहीं हो सकीं, वे दिल्ली से कराई
डॉक्टर्स के मुताबिक, अभी बच्ची को सबसे ज्यादा जरूरत काउंसलर की है। जो जांच यहां नहीं हो सकतीं, वे दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में कराई हैं। एमवाय हॉस्पिटल के डॉक्टर का कहना है कि वह कोशिश कर रहे हैं कि उसे HIV से मुक्त कर दें। पूरी तरह ठीक होने में समय लगेगा। अफसरों का कहना है कि सीएम के निर्देश पर प्रशासन की तरफ से ही नाबालिग का इलाज कराया जा रहा है।