BHOPAL : एमपी के रतलाम से भी जुड़ा है कन्हैया के हत्यारों का 'अलसूफा'

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Praveen Sharma
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BHOPAL : एमपी के रतलाम से भी जुड़ा है कन्हैया के हत्यारों का 'अलसूफा'

Bhopal. उदयपुर में तालिबान की तर्ज पर टेलर कन्हैया (Kanhaiyalal) की हत्या murder करने वाले दोनों रियाज जब्बार (Riyaz Jabbar) और गौस मोहम्मद ( Gous Mohammad) पाकिस्तान में संचालित आतंकी संगठन अलसूफा (Alsufa) के ट्रेनिंग प्राप्त गु्र्गे member) निकले हैं। स्लीपर सेल तैयार करने में जुटे इस आतंकी संगठन (Terrorist organisation) का नेटवर्क मध्यप्रदेश के रतलाम (Ratlam) से भी जुड़ा हुआ है। इसका सरगना इमरान तीन महीने पहले रतलाम से गिरफ्तार हुआ है। कन्हैया की नृशंस हत्या के तत्काल बाद सक्रिय हुई एनआईए व आईटीएस अब पकड़े गए दोनों हत्यारों के देश और देश के बाहर कनेक्शन ढूंढने में जुटी हैं। एनआईए और एटीएस को शुरूआती पूछताछ व जांच में दोनों हत्यारों का कनेक्शन आतंकी संगठन दावत-ए-इस्लाम (Dawat-E-Islam) और अलसूफा  Alsufa से मिला है। इन संगठनों के लिए काम करते हुए दोनों हत्यारे पाकिस्तान जाकर 45 दिन की ट्रेनिंग भी लेकर आए थे। साथ ही स्लीपर सेल (Sleepar cell) तैयार कर ये दोनों राजस्थान को जलाने व जयपुर में बड़ी साजिश की तैयारी में संलग्न पाए गए है। इसी अलसुफा का सरगना इसी साल 31 मार्च को मध्यप्रदेश के रतलाम से पकड़ाया था। साथ ही इस आतंकी संगठन के दो अन्य गुर्गे भी राजस्थान में बड़े ब्लास्ट के लिए असलाह सहित चित्तोड़गढ़ से ​पकड़े गए थे। इन तीनों ने जयपुर में सीरियल बम ब्लास्ट करने की साजिश रची थी। आरोपी पूरी प्लानिंग में थे, लेकिन इससे पहले ही निंबाहेड़ा में जयपुर और चित्तौड़गढ़ पुलिस टीम ने जाल बिछाकर  रतलाम (एमपी) के 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों की कार से बम बनाने की सामग्री, टाइमर और 12 किलो आरडीएक्स बरामद किया गया है। पकड़े गए आरोपी जुबेर, अल्तमस और सैफुल भी अलसूफा संगठन के सदस्य थे। शुरूआती पूछताछ में एटीएस को मालूम हुआ था कि तीनों आरोपी जयपुर में तीन जगह बम ब्लास्ट करने के लिए निंबाहेड़ा में बम बना कर दूसरी गैंग को देने वाले थे, लेकिन इसी बीच पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उदयपुर और जयपुर एटीएस टीम भी देर शाम निंबाहेड़ा पहुंची थी।



आतंकियों की स्लीपर सेल है सूफा



उदयपुर में कन्हैया की हत्या करने वाले रियाज और गौस का कनेक्शन कट्टरपंथी सोच के कुछ युवकों के संगठन अलसूफा से मिला है। यह संगठन कट्टरपंथी सोच और तौर-तरीकों का हिमायती है और आतंकियों के स्लीपर सेल (Sleepar cell) की तरह काम करता है। ग्रुप समाज में रहन-सहन के तौर-तरीके अपने हिसाब से चलाने के लिए विवादों में रहा है। मुस्लिम समाज के शादी-विवाह तथा अन्य कार्यक्रम रीति-रिवाजों को सूफा ने हिंदू रीति-रिवाज बताकर विरोध किया था। इस संगठन ने रतलाम में दो बड़े हत्याकांड को भी अंजाम दिया है।



रतलाम के दो हत्याकांड में शामिल रहा सूफा



उदयपुर के कन्हैया हत्या करने वाले दोनों आतंकी रियाज और गौस जिस अलसूफा संगठन के सदस्य हैं, वह रतलाम में भी दो बड़े हत्याकांड को अंजाम दे चुका है। 2014 को कांग्रेस नेता यास्मिन शेरानी को गोलियां मारने के बाद इस संगठन के आतंकियों ने शहर में उत्पात मचाया और शहर को कर्फ्यू में झोंक दिया था। इसके  बाद कट्‌टरपंथियों ने महू रोड बस स्टैंड पर बजरंग दल नेता कपिल राठौड़ और उनकी होटल पर काम करने वाले पुखराज की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद 21 सितंबर 2017 की रात कॉलेज रोड पर लंबी गली निवासी तरुण सांखला की एक्टिवा सवार दो युवकों ने रंजिश में हत्या कर दी थी। पुलिस ने गोली मारने के आरोप में चिंगीपुरा निवासी अयाज पिता इदरीस, सलमान उर्फ पप्पन पिता हुसैन खान पठान को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में यह युवक भी कट्टरपंथी संगठन सूफा के सदस्य निकले गए थै। बाद में पुलिस ने कई और कट्टरपंथियों को गिरफ्तार किया था, जो सूफा के लिए काम करते थे।



आरडीएक्स मिलते ही चला था बुल्डोजर



जयपुर में बड़ी साजिश की तैयारी के साथ पकड़ाए अलसूफा के तीनों आतंकी रतलाम के निवासी थे। इनका सरगना इमरान भी रतलाम का निवासी था। इसी के कहने पर एक अन्य स्लीपर सेल के घर पर आरडीएक्स रखा था। रतलाम के आधा सैकड़ा संदिग्धों पर एटीएस नजर रखे थी। गिरफ्तारी के बाद आरोपियों के मकान भी प्रशासन ने बुल्डोजर चलाकर जमींदोज कर दिए थे। एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया था कि सूफा पर लंबे समय से नजर थी। इनका सरगना सीरिया भागने की फिराक में था। संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है। 

 


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