भोपाल. जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) के आतंकी जन्नत और हूरों के लालच में आतंकी संगठन से जुड़े थे। उनका मानना है कि गिरफ्तारी के बाद अब उन्हें जन्नत नहीं मिलेगी। वह इस अटूट विश्वास के साथ जेहादी मुहिम में शामिल हुए कि इस लड़ाई में मौत के बाद वे 'शहीद' माने जाएंगे। जन्नत में उन्हें तोहफे में 72 हूरें मिलेंगी। पूछताछ के दौरान ATS की टीम को आतंकियों ने JMB में जुड़ने का मकसद बताया।
आतंकी मध्य प्रदेश के युवाओं को जेहादी विचारधारा से प्रभावित करने में जुटे थे। युवाओं को बहकाने के लिए वह देश में हो चुकी मॉब लिंचिंग की घटनाओं के वीडियो दिखाते हैं।
खलीफा राज लाने का कहते थे: आतंकी युवाओं को भड़काते थे कि भारत में मुस्लिमों के साथ अन्याय हो रहा है। मिशन के साथ उनके जुड़ने से भारत में फिर से खलीफा राज कायम करने में जल्द सफलता मिल जाएगी। पकड़े जाने के बाद अब उन्हें लग रहा कि उनका जेहादी सपना चकनाचूर हो गया है। अब जेल में जिंदगी कटेगी। साथ ही अपनी सरजमीं में अब उनके कदम नहीं पड़ेंगे।
13 मार्च को MP ATS और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के संयुक्त अभियान में भोपाल से JMB के चार आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। 14 मार्च को ATS ने इन्हें कोर्ट में पेश कर 28 मार्च तक के लिए रिमांड पर ले लिया। ATS की पूछताछ में आतंकियों ने खुलासा किया था कि उन्होंने दलाल को 4 हजार रुपए देकर भारत में घुसपैठ की थी। 2021 में कोविड के दौरान लगे लॉकडाउन में भारत में दाखिल हुए। ATS ने इनके पास से बड़ी मात्रा में जेहादी साहित्य और लैपटॉप बरामद किए थे।
मोबाइल की डेटा निकाल रही ATS: आतंकियों के पास से बरामद लैपटॉप, मोबाइल की जांच की जा रही है। डेटा रिकवर के लिए भी काम किए जा रहे हैं। आतंकी इतने एक्सपर्ट हैं कि सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर नहीं आएं, इसके लिए तमाम तकनीक अपनाते रहे। वे इंटरनेट वाइस कॉलिंग के जरिए ही फोन पर बात करते थे। ATS इनके आकाओं का पता लगाने में जुटी है। ATS ने इनके खिलाफ UAPA और विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
जांच में खुलासा हुआ कि भोपाल में पकड़े गए आतंकियों को हावड़ा, पश्चिम बंगाल का रहने वाला रफीक फंडिंग कर रहा था। ATS की सूचना बंगाल पुलिस ने रफीक को हिरासत में ले लिया। MP ATS बंगाल जाकर उससे पूछताछ करेगी। साक्ष्य सामने आने पर रफीक को ATS भोपाल लेकर आ सकती है।
ये आतंकी पकड़े गए
- फजहर अली (32) उर्फ महमूद पुत्र अशरफ इस्लाम