Bhopal. नेशनल आटोमेटेड फिंगर प्रिंट आइडेन्टिफिकेशन सिस्टम (NAFIS) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके अंतर्गत देश के सभी राज्यों में NAFIS वर्कस्टेशन स्थापित किए गए हैं। जिनके माध्यम से अपराधियों के राष्ट्रीय डाटाबेस से अंगुल चिन्ह के आधार पर अपराधियों की पहचान तथा घटनास्थल से प्राप्त अज्ञात अपराधियों के चांस प्रिंट का मिलान किया जा सकेगा, जिससे मिनटों में ही अपराधी की पतारसी हो सकेगी। 24 अप्रैल को थाना कुरई जिला सिवनी क्षेत्रांतर्गत ग्राम रैयाराव के जंगल में अज्ञात मृतक का शव पड़ा होने की सूचना होने पर गश्त कर रहे वन रक्षक नरेश परते की रिपोर्ट पर थाना कुरई पर मर्ग क्रमांक 32/22 पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया।
यह है पूरा मामला
24 अप्रैल को ही अंगुल चिन्ह विशेषज्ञ जिला सिवनी रितु उईके द्वारा कंट्रोल रूम से सूचना प्राप्त होने पर घटनास्थल 35 किलोमीटर दूर जाकर निरीक्षण कर अज्ञात शव की अंगुल चिन्ह स्लिप स्पून विधि से तैयार की गई। जबकि शव 24 घंटे पूर्व का होने से अकडन आ चुकी थी। ऐसी स्थिति में पुरानी विधि में डॉक्टर द्वारा चर्म पोर निकाल कर दस अलग-अलग शीशियों में प्रिज़र्वेटिव में रखकर मिलान हेतु विशेषज्ञ के पास भेजे जाते थे। स्लिप को अंगुल चिन्ह विशेषज्ञ जिला सिवनी द्वारा उसी दिन जिले के NAFIS वर्कस्टेशन में इन्द्राज किया गया। स्लिप जिला उज्जैन के थाना माकडोंन में 2017 में चोरी के प्रकरण में गिरफ्तार आरोपी ईश्वर सिंह पिता करन सिंह निवासी लसुडिया अमरा हाल मुकाम नागपुर की ट्रेस हुई, जिसकी सूचना पुलिस अधीक्षक जिला सिवनी को अग्रिम कार्रवाई हेतु दी गयी। प्रकरण में अप. क्रं 235/22, धारा 302, 201 भा.द.वि. में पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर कानून का राज स्थापित होगा
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य है जिसमें NAFIS के आधार पर अज्ञात मृतक की पहचान हुई तथा हत्या जैसे गंभीर अपराध के सूत्र मिले हैं। NAFIS से अब आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। NAFIS अपराध पतारसी एवं व्यक्तिगत पहचान स्थापित करने का विश्वसनीय साधन है, जिससे वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर कानून का राज स्थापित होगा। मध्यप्रदेश में NAFIS प्रणाली अ.म.नि. रा.अ.अ.ब्यूरो चंचल शेखर की सतत् निगरानी में नये आयाम स्थापित करने की ओर अग्रसर है।