Dewas. दलित परिवार की बर्बरता से हत्या मामले की जांच कर रही CBI टीम पहली बार देवास के नेमावर पहुंची। टीम ने सबूत जुटाते हुए घटनास्थल पर खेत से मिट्टी के सैंपल लिए और हर एंगल पर जांच शुरू कर दी है। इस हत्याकांड में CBI ने 9 नामजद आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। आरोपियों ने घटना को इतना शातिर तरीके से अंजाम दिया था कि 2 महीने तक पुलिस परिवार के लापता सदस्यों को ढूंढ नहीं पाई थी।
क्या था नेमावर हत्याकांड ?
29 जून को देवास के नेमावर में एक खेत से एक ही परिवार के 5 लोगों के कंकाल मिले। कंकाल को खेत के अंदर 10 फीट नीचे गहरे गड्ढे से निकाला गया था। ये कंकाल 13 मई से लापता चल रहे आदिवासी परिवार के सदस्यों के थे। मृतकों में ममता पति मोहनलाल कास्ते उम्र 45 वर्ष, 21 साल की रुपाली पिता मोहनलाल कास्ते, 14 साल की दिव्या पिता मोहनलाल कास्ते, 15 साल की पूजा पिता रवि ओसवाल और 14 साल का पवन शामिल था। जब मामले का खुलासा हुआ तो हर कोई हैरान रह गया।
छानबीन में पता चला कि इस परिवार की एक युवती रुपाली का आरोपी सुरेन्द्र के साथ प्रेम संबंध था। सुरेन्द्र की कहीं और शादी तय हो गई थी। युवती जब आरोपी पर शादी का दबाव बनाने लगी, तो उसे रास्ते से हटाने के लिए सुरेन्द्र ने युवती सहित उसके परिवार की हत्या कर दी और शवों को खेत में 10 फीट नीचे गाड़ दिया था।
मामले में अब तक क्या हुआ ?
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नेमावर हत्याकांड के बाद पीड़ित परिवार के लिए 41 लाख 25 हजार की सहायता राशि का ऐलान किया था। सीएम के निर्देश पर इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाया गया, और 9 लोगों को अरोपी बनाते हुए CBI जांच के आदेश हुए। नेमावर हत्या कांड को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी सुरेंद्र सिंह और उसके भाई वीरेंद्र के मकान और दुकानों को प्रशासन ने JCB से ध्वस्त कर दिया था। नेमावर हत्याकांड के आरोपियों को फांसी की सजा की मांग को लेकर आदिवासी संगठनों ने रैलियां निकाली थीं। उन्होंने CBI जांच की मांग की। साथ ही आरोपियों को फांसी देने और मृतकों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की थी।