/sootr/media/post_banners/fb6020020a23d182faf97eea3b28148452a96e44947f081c05cf280657a0bef4.jpeg)
जबलपुर. पद पाने की चाहते में लोग किस हद तक गुजर जाते हैं। प्रोफेसर डॉ. आरती भटेले (Aarti Bhatele) का ये मामला इसकी बानगी है। 50 साल की आरती मेरठ की सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है। वह यूनिवर्सिटी के वेटरनरी डिपार्टमेंट की डीन बनना चाहती थी। इसके लिए उसने तत्कालीन डीन. राजवीर सिंह की सुपारी दे दी। शूटर्स ने डीन पर कई गोलियां बरसाई थी। ये हमला 11 मार्च को हुआ था। इस मामले में लगातार खुलासे हो रहे हैं। हालांकि, डीन इस हमले में जिंदा बच गए। आरती छतरपुर की रहने वाली है। उसके पिता रिटायर्ड एएसपी रहे हैं और भाई पुष्पराज भटेले जबलपुर मेडिकल कॉलेज में रेडियोलॉजिस्ट हैं। आरती का ससुराल भी जबलपुर (Jabalpur) में ही था।
तलाक के बाद बॉयफ्रेंड की एंट्री: हमले के बाद जांच में पुलिस को पता चला कि डीन का विवाद महिला प्रोफेसर आरती भटेले से चल रहा था। जिसको लेकर विवि में खूब पत्राचार हुआ था। विवि प्रशासन ने 100 पन्नों की फाइल पुलिस को दी, जिसमें डीन और प्रोफेसर के बीच तनातनी की जानकारी पुलिस को पता चला। बताया गया कि आरती के संबंध बिल्डर अनिल बालियान से हैं। यह इनपुट भी विवि से पुलिस को मिला था। अनिल बलियान आरती का बॉयफ्रेंड है। उसके तीन बच्चे है। आरती की शादी हो चुकी है लेकिन पति से तलाक हो गया था। तलाक के बाद आरती की जिंदगी में अनिल बलियान की एंट्री हुई थी। अनिल अपनी बेटी का एडमिशन कराने के लिए आरती के कॉलेज पहुंचा था। यहां दोनों के बीच मेल-मुलाकात शुरू हुई। ये नजदीकियों धीरे-धीरे इश्क में बदल गई।
शॉप शूटर्स को दी सुपारी: आरती ने डीन के मर्डर के लिए 5 लाख रुपए में उधम सिंह गैंग के शूटर्स को सुपारी दी। मेरठ पुलिस उसके बिल्डर बॉयफ्रेंड अनिल बालियान, सुपारी दिलाने में मदद करने वाले मुनेंद्र बाना, उधम सिंह गैंग के शूटर आशू को अरेस्ट कर चुकी है। आरती और दूसरा शूटर नदीम अभी भी फरार हैं। प्रो. आरती ने अपने प्रेमी अनिल से कहा कि राजवीर सिंह यदि रास्ते से हट जाए, तो मैं डीन बन जाऊंगी। अनिल बालियान को लालच दिया कि उसकी बेटी को यूनिवर्सिटी में नौकरी दे देगी। इसके बाद दोनों के बीच डील फिक्स हुई। फिर अनिल बालियान ने अपने साथी प्रॉपर्टी डीलर मुनेंद्र बाना को भी साथ ले लिया। 11 मार्च की रात को आरती ने डीन पर हमला कराया था।
कई सिम रखती थी: प्रो. आरती भटेले बेहद शातिर है। वह एक-दो नहीं, बल्कि एक दर्जन से अधिक मोबाइल सिम चलाती थी। किस व्यक्ति से किस नंबर से बात करनी है, वह यहां तक तय करके रखती थी। यही नहीं, महिला प्रोफेसर ने अपनी नौकरानी की आइडी पर भी पांच सिम ले रखे थे। पुलिस ने जब नौकरानी के बयान दर्ज किए तो हैरत में पड़ गई। नौकरानी ने पुलिस को बताया कि प्रो. आरती एक दर्जन से अधिक मोबाइल सिम का इस्तेमाल करती थी। नौकरानी की आइडी पर भी महिला प्रोफेसर ने पांच सिम ले रखे थे। नौकरानी ने कई बार विरोध भी किया, मगर काम छूटने के डर से अधिक नहीं कह पाई।