Mandsaur. मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में एक दिल दहला देने वाला वाक्या सामने आया है, जहां पति ने पत्नी को चार साल तक एक कमरे में बंधक बनाकर रखा और उसे मानसिक रोगी करार देते हुए यातनाएं भी दीं। जानकारी के अनुसार रतलाम के खारवा कला गांव में रहने वाली महिला की शादी 17 साल पहले मंदसौर जिले के पिपलिया कराड़िया गांव में रहने वाले प्रदीप भगवती लाल मौड़ से हुई थी, वो दसवीं तक पढ़ी लिखी है और स्व सहायता समूह चलाती थी। बुलबुल के एक बेटी और बेटा भी है। 4 साल पहले अचानक उसकी तबियत बिगड़ी तो ससुराल वालों ने पिता को खबर कर दी। पिता ने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में उसका इलाज कराया और उसके बाद बेटी को अपने पास रखा, लेकिन तभी दामाद आया और अपने साथ ले गया। बस गांव लाकर ससुराल वालों ने उसे मानसिक रूप से विक्षिप्त बताकर दस बाय दस के एक कमरे में बंद कर दिया. कमरे में न लाइट थी न पंखा. न हवा. शौचालय के नाम पर कमरे में ही एक गढ्ढा खोद दिया गया था. पति और ससुराल वालों ने चार साल से बुलबुल को उसी अंधेरे और दुर्गन्ध युक्त कमरे में कैद कर रखा था.
सालों से कैद थी
महिला बीते चार साल से 100 वर्ग फीट के कमरे में कैद थी। उसे कैद किसी और ने नहीं बल्कि उसके पति ही किया था। जिस कमरे में वह थी उसमें न तो लाइट थी और न ही पंखा। इतना ही नहीं उसी कमरे में खोदे गए गड्ढे में शौचालय में बदल दिया गया था। पति ने पत्नी इस दौरान जुल्म की इंतहा कर दी। वह लगातार महिला पर कहर ढहाता है।
पुलिस की मदद से महिला को घर से बाहर निकलवाया
गांव वालों ने महिला को एक कमरे में बंद किए जाने की सूचना एक सामाजिक संगठन की संचालिका को दी। मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक उस महिला सामाजिक कार्यकर्ता ने पुलिस की मदद से महिला को घर से बाहर निकलवाया। महिला दसवीं तक पढ़ी है और अन्य महिलाओं की मदद के लिए कभी समूह चलाया करती थी, मगर वह खुद ऐसे संकट में आ गई जिसमें उसका पति ही उसका दुश्मन बन गया।
परिजनों से नहीं मिलने देता था पति
महिला के परिजनों की माने तो उसकी शादी लगभग 17 साल पहले हुई थी उसके दो बच्चे हैं. महिला को पहले उसके पति ने मानसिक रोगी करार दे दिया और जब भी उसके परिजन मिलने की कोशिश करते तो दामाद उससे मिलने नहीं देता था, इतना ही नहीं जब भी महिला का पिता या भाई मुलाकात के लिए आया तो उसने मारकर भगा देता था।
पिता को देख रो पड़ी बेटी
खबर मिलते ही महिला के पिता और भाई उसे लेने भागे चले आए। उन्हें देखते ही वह फूट-फूट कर रोने लगी। वो पिता से बोली घर चलो। बेटी को इस हाल में देखकर पिता की रूह कांप गयी। वो भी भावुक हो गए। पिता ने बताया कि दामाद बेटी पर बहुत जुल्म कर रहा था। वो बेटी से मिलने कई बार गांव आए, लेकिन दामाद प्रदीप भगवती लाल उन्हें मारने के लिए दौड़ता था। भाई ने बताया कि जब भी मैं बहन को फोन करता था तो जीजाजी बात नहीं करवाते थे। कभी कहते थे कि सो रही है, कभी बोलते की इलाज करवाने ले गए हैं. सास भी अत्याचार करती थी. 4 साल से बहन को कमरे में बंद करके रखा था।