Indore. ब्लैकमेलिंग से प्रताडित टीआई हाकमसिंह पवार के खुद को गोली मार कर आत्महत्या मामले में चार पर केस दर्ज करने के बाद गिरफ्तारियां शुरू हो गईं हैं। पुलिस ने पहले मंगलवार देर रात गौतमपुरा (बेटमा) से तीसरी पत्नी रेशमा उर्फ जागृति को गिरफ्तार किया और फिर बुधवार सुबह महिला एएसआई रंजना खांडे को भी गिरफ्तार कर लिया। दोनों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस तीसरे आरोपी गोविंद की भी तलाश कर रही है, उसे भी किसी समय गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वहीं चौथे आरोपी जो एएसआई का भाई है, उसकी आग में जलने से पहले ही मौत हो चुकी है। पुलिस ने दो दिन पहले ही इन चारों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। इसमें मुख्य भूमिका रेशमा और रंजना की सामने आई थी, जो टीआई को पैसों के लिए ब्लैकमेल कर रही थी, तीसरी पत्नी रेशमा ने तो यहां तक कह दिया था कि जो पैसे नहीं दे उसे मार दो और खुद भी मर जाओ, इसके दस मिनट बाद ही टीआई ने यह कदम उठा लिया था। 24 जून को बातचीत के दौरान अचानक टीआई हाकम सिंह ने एएसआई रंजना खांडे को गोली मारने के बाद खुद को गोली मार ली थी । पूरी घटना में रंजना तो बच गई, लेकिन टीआई हाकम सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी। वहीं इस घटना को पुलिस के अधिकारियों ने रंजना और हाकम सिंह के बीच प्रेम संबंध बताया था । घटना से कुछ देर पहले पुलिस कंट्रोल रूम में ही रंजना और उसके भाई ने टीआई हाकम सिंह से कॉफी हाउस में मुलाकात की थी। एसआईटी की जांच के दौरान पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
रंजना पर ब्लैकमेल का आरोप
रंजना खांडे पंवार को पिता तुल्य बताती थी, जबकि यह बात निकल कर सामने आई कि रंजना पंवार को ब्लैकमेल कर रही थी। पवार तीन दिन का अवकाश लेकर इंदौर आए थे। गोलीकांड के ठीक पहले एक कॉफ़ी हाउस में रंजना और पवार की मीटिंग हुई थी। उस मुलाकात में रंजना का भाई कमलेश भी मौजूद था। बाहर निकलने के कुछ देर बाद ही पवार ने गोली चला दी थी। पहली गोली उन्होंने रंजना को मारी थी, जिससे वह अचेत होकर जमीन पर गिर गई। पंवार ने उसे मृत समझ लिया, उसके बाद खुद को गोली मर ली, इत्तेफाक से रंजना बच गई, जबकि पवार की मौत हो गई।
उलझी हुई है यह पूरी कहानी
गोलीकांड के तुरंत बाद एक रेशमा नामक महिला मुर्दाघर पहुंच गई थी, उसने दवा किया था कि वह पवार की पत्नी है। कई वर्ष पूर्व उसने और इसंपेक्टर ने विवाह कर लिया था, वह मुस्लिम थी लेकिन शादी के बाद वह हिन्दू बन गई और पंवार ने उसे जगू उर्फ़ जागृति पवार नाम दिया था. उसने एक मकान के लोन संबंधी दस्तावेज भी प्रस्तुत किए थे। पुलिस ने उस महिला को भी जांच के दायरे में रखा था। हालांकि पुलिस ने जब तकनीकी आधार पर छानबीन की तो वह भी संदेही नजर आई। पुलिस को मोबाइल खंगालने पर कई ऑडियो भी मिले, जिसमे वह इंस्पेक्टर पंवार से पैसों की मांग कर रही थी। तमाम छानबीन करने पर साबित हुआ कि रेशमा भी पंवार को ब्लैकमेल कर रही थी.