KHNADWA कृषि कॉलेज में रैगिंग से परेशान छात्र ने आत्महत्या का प्रयास किया, जो दर्द बयां न कर सका उसे सुसाइड नोट में उतार दिया

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Sanjay Sinha
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KHNADWA कृषि कॉलेज में रैगिंग से परेशान छात्र ने आत्महत्या का प्रयास किया, जो दर्द  बयां न कर सका उसे सुसाइड नोट में उतार  दिया

NITIN JAIN ,KHNADWA 



खंडवा जिले में एक स्टूडेंट के साथ रैगिंग का गंभीर मामला सामने आया है।  अपने साथ हुई रैगिंग से तंग आकर इस स्टूडेंट ने जान देने की कोशिश की है।  इस मामले में छात्र संगठनों और परिजनों ने जहां कॉलेज प्रबंधन को कटघरे में खड़ा किया है। 



पूरा मामला खंडवा के भगवंत राव मंडलोई कृषि कॉलेज से है।  यहां बीएससी फर्स्ट ईयर में पढ़ने वाले बड़गांव के हरिओम पाटीदार ने कॉलेज में होने वाली रैगिंग से परेशान होकर आत्महत्या का प्रयास किया।  भगवंतराव ने आत्महत्या करने के लिए  कीटनाशक पी लिया   जिसके बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।



परिजनों का कॉलेज में हंगामा 



हरिओम की  गंभीर हालत देख परिजनों ने कॉलेज पहुंचकर जमकर हंगामा किया और उसके 18 सीनियर्स को हरिओम की हालत की जिम्मेदार बताया। सभी  18  सीनियर्स में निकेत  पाटीदार का नाम प्रमुख रूप से  सामने आया हे।  हरिओम दोस्तों के मुताबिक कॉलेज में रैगिंग चलन  पुराना  हे।  दोस्तों ने यह भीबताया की कॉलेज में रैगिंग बहुत ही गंदे तरीके से ली जाती जिसमे वीडियो कलिंग पर सर झुका कर बात करना आंख नहीं मिलना मिलना शामिल हे। 



RAGGING



हरिओम ने  सुसाइड  नोट में लिखा अपना दर्द  



मेरी जान देने का कारण मेरे कॉलेज की परंपरा है मेरी कॉलेज में रैगिंग होती है।  इसमें सीनियर ओं द्वारा हमें मारा जाता है। यह गतिविधि सीनियर द्वारा होती है मुझे नाक में परेशानी है जिससे मेरी नाक से खून आ जाता है सीनियर द्वारा नाक पर मारा जाता है। 



कुछ समय से सीनियर द्वारा ज्यादा टारगेट किया जा रहा है क्योंकि मैंने रैगिंग देने से मना कर दिया तो सीनियर ने मुझे बेटा उठ कर दिया इस कारण मेरे साथ के फर्स्ट ईयर के विद्यार्थी मुझसे बात भी नहीं करते हैं यहां तक कि सीनियर ओं के डर से मुझे देखते भी नहीं हैं। 



मैं क्लास में अकेला ही बैठता  हूं ,ना कोई बात करता है ,ना कोई कुछ बताता है।  मेरे साथ के सभी विद्यार्थी सीनियर्स के कहने पर ऐसा कर रहे हैं।  अगर कोई मेरे से बात करता है तो सीनियर उसे हॉस्पिटल से निकालने की धमकी देते हैं। अगर मैंने रैगिंग नहीं दी तो मैं कॉलेज की एक्टिविटी में भाग नहीं ले पाऊंगा और ना ही हॉस्टल में रह पाऊंगा।  इसी कारण मैंने यह फैसला लिया क्योकि सीनियर  मुझे बैच आउट कर  मेरी कॉलेज लाइफ को खत्म कर दिया है।  मैं इसकी जानकारी कॉलेज प्रशासन को भी नहीं दे सकता क्योकि क्योंकि मैं अकेला और सीनियर ज्यादा है।  मुझे सीनियर द्वारा हॉस्टल में कई बार घर आ भी गया है मेरा फोन भी चेक करते हैं और मैं सीनियर ओं को शिकायत की धमकी देता हूं तो मुझे कॉलेज से ट्रांसफर और मारने की धमकी दी जाती है। 



पिता और पुलिस ने क्या कहा 



इधर हरिओम के पिता इस घटना के बाद से न सिर्फ सदमे में है बल्कि आक्रोशित भी हैं उन्होंने कहा है कि यदि पुलिस चोर कॉलेज इस मामले में कोई कदम नहीं उठाता है तो एक बाप को बेटे का बदला लेना आता है वही पुलिस की ओर से कोतवाली टीआई बीएल ऑटो दे ने कहा कि पहले कॉलेज की एंटी रैगिंग स्क्वाड टीम मामले की जांच करेगी इसके बाद ही आगे की कार्रवाई पुलिस की ओर से बढ़ाई जाएगी। 


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