INDORE: क्या TI सुसाइड केस के इकलौते गवाह की आग लगने से मौत, कैरोसिन का शरीर पर नामोनिशान नहीं, फॉरेंसिक जांच जारी

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The Sootr CG
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INDORE: क्या TI सुसाइड केस के इकलौते गवाह की आग लगने से मौत, कैरोसिन का शरीर पर नामोनिशान नहीं, फॉरेंसिक जांच जारी

INDORE. इंदौर के TI सुसाइड केस के इकलौते चश्मदीद गवाह की मौत हो गई है। ASI रंजना खाण्डे के भाई कमलेश खाण्डे इस केस के एकमात्र चश्मदीद गवाह थे। TI हाकम सिंह और ASI रंजना के बीच आखिरी बार जब बात हुई तो कमलेश वहीं मौजूद था। जब हाकम सिंह की कंप्लेंट करने रंजना भोपाल आई थी, तब भी कमलेश उसके साथ ही था। हाकम सिंह और रंजना के बीच कब क्या बात हुई ये सिर्फ कमलेश ही जानता था। पुलिस कंट्रोल रूम में जब TI ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली चलाई, तब भी कमलेश वहीं था। ऐसे में कम्लेश की अचानक मौत होने से कई सवाल उठ रहे हैं। 



दाल-बाटी बनाते समय लगी आग



जूनी इंदौर के ASI विष्णु नीलकंठ ने बताया कि कमलेश खाण्डे ने 7 जुलाई को आनंद अस्पताल में दम तोड़ दिया। वहीं परिजनों से पता चला कि कमलेश धामनोद के संजय नगर में दाल-बाटी बनाते समय जल गया। जहां से उसे अस्पताल इलाज के लिए ले गए। कमलेश के बड़े भाई संजय ने बताया कि हादसे के बाद धामनोद पुलिस और FSL की टीम मौके पर पहुंची। जहां उन्हें मौके पर जले हुए कंडे और अन्य सामान मिला था। साथ ही पुलिस ने इस मामले में कमलेश की पत्नी माया ओर दो बेटियों के बयान भी लिए। 



फॉरेंसिक जांच जारी



ASI विष्णु नीलकंठ के मुताबिक डॉक्टरों ने बताया कि जलने से कमलेश के चेहरे ओर गले में सूजन आ गई थी। जिसके कारण उसे बोलने के साथ सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। डॉक्टरों के मुताबिक कमलेश के फेंफड़े को बुरी तरह नुकसान हुआ। डॉक्टर भरत वाजपेयी ने बताया कि शरीर पर कहीं भी कैरोसिन नहीं मिला। डॉक्टर्स ने कमलेश के बाल और स्किन के सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए पुलिस को दिए। अब तक मौत की वजह जलना ही सामने आई है।



कैसे झुलसा कमलेश 



ASI रंजना ने एक मीडिया हाउस को बताया कि दाल-बाटी बनाते समय बारिश की वजह से कंडे जल नहीं रहे थे। घर में केरोसिन भी नहीं था तो भैया ने गाड़ी से पेट्रोल निकालकर कंडों पर डाल दिया। कंडे जलाने नीचे झुके ही थे कि आग लग गई। इससे उनका चेहरा और हाथ बुरी तरह जल गए।



5 लाख का चेक और मकान की जानकारी दी



इस सुसाईड केस में यह भी सामने आया कि ASI रंजना ने इस मामले से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट्स को संभाल कर रखा था। वहीं महिला थाने में केस दर्ज करवाने के मामले में उसने मंगेतर और उसकी बहन की कई रिकार्डिंग पुलिस को दी थीं। जो उसके पास आज भी बतौर सबूत मौजूद हैं। विवाद के चलते रंजना ने डिपार्टमेंट से खुद का ट्रांसफर भी मांगा था, जो हो भी गया। 7 दिन बाद उसकी वहां पोस्टिंग थी।



क्यों ली 1 महीने की मेडिकल लीव



TI के सुसाइड से सात दिन पहले ASI रंजना खांडे का कमिश्नर ऑफिस (Commissioner Office) में ट्रांसफर हो गया था। जहां उसे 7 दिन बाद जाना था। इसी दौरान असिस्टेंट कमिश्नर ऑफिस में यह घटना हो गई। इसके बाद से रंजना वन मंथ की मेडिकल लीव पर हैं। उसने TI हाकम सिंह पवार को दिया पांच लाख का चेक सबूत के रूप में SIT की टीम को दिया। साथ ही उसने बैंक में उसकी एंट्री भी दिखाई। रंजना का कहना है कि गाड़ी का बीमा भी उसके भाई के नाम पर ही था जो अगस्त में रिन्यू होने वाला था। रंजना ने पुलिस को उस शिकायत की कॉपी भी दी है जो उसने भोपाल में की थी। रंजना ने 27 दिसंबर 2021 को इंदौर के एक 20x47 का बहुमंजिला मकान होने की सूचना भी पुलिस विभाग (Police department) को दी थी। 



2.50 लाख की ब्लैकमेलिंग 



अफसरों के पास रंजना के खिलाफ 2.50 लाख रुपए की ब्लैकमेलिंग को लेकर शिकायत पहुंची थी। SIT की टीम ने इस बारे में रंजना से बात भी की। रंजना ने जानकारी दी कि 2 फरवरी 2019 को महेन्द्र शारदे की तरफ से आवेदन क्रंमाक 211 देते हुए शिकायत दर्ज की गई थी। इस मामले में मुख्यालय पुलिस अधिकारी (Headquarter Police Officer) ने उसे बुलाया भी था। सारे सबूत देने के बाद 21 फरवरी 2019 को एसीपी रूचि वर्धन मिश्र (ACP Ruchi Vardhan Mishra) को रंजना ने यश ओर उसकी बहन गुंजन को लेकर आवेदन क्रमांक 336 पर शिकायत दर्ज कराई।



SIT की टीम ने मांगे ब्लैकमेलिंग के सबूत



पुलिस अधिकारियों के पास अब तक रंजना के खिलाफ ब्लैकमेलिंग की 2 शिकायतें पहुंची हैं। जिसमें अफसर को ब्लैकमेल करने के साथ खुद के ब्लैकमेल होने की बात पीड़ित पक्ष ने की। इस मामले में SIT की टीम ने उनसे सबूत भी मांगे। लेकिन वो SIT को किसी तरह की रिकॉर्डिंग या डॉक्यूमेंट नहीं सौंप सके। अधिकारियों के मुताबिक TI हाकम सिंह के मोबाइल में रंजना के साथ किसी तरह की रिकार्डिग और चैटिंग सामने नही आई है। जानकारी के मुताबिक TI प्रीपेड मोबाइल से अधिकतर रंजना से बात करते थे।


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