इंदौर. प्यारे मियां रेप मामले में पीड़ित की सोनोग्राफी करने वाले इंदौर के डॉक्टर दलजीत सिंह छाबड़ा और महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सोनल श्रॉफ ने पीड़ित युवती का चेकअप किया और सोनोग्राफी करने के लिए पर्चा बनाया। डॉ. छाबड़ा यूनीक डाइग्नोस्टिक नाम से सोनोग्राफी क्लीनिक चलाते हैं। डॉ. छाबड़ा ने नाबालिग के परिजन की परमिशन की बिना पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट का उल्लंघन करते हुए सोनोग्राफी की। पुलिस ने दोनों डॉक्टरों को आरोपी नहीं बनाया था।
प्यारे मियां केस में आरोपी स्वीटी विश्वकर्मा (प्यारे की पीए) के वकील यावर खान ने इन दोनों डॉक्टरों को पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट और पॉक्सो के तहत आरोपी बनाने का आवेदन दिया था। हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद दोनों डॉक्टरों को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। अब तक केस में 20 से ज्यादा गवाहों के बयान हो चुके हैं।
ये है मामला: 6 नाबालिग लड़कियों ने प्यारे मियां के खिलाफ 2020 में केस दर्ज करवाया था। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। प्यारे की निगाह 14 से 17 साल की बच्चियों पर रहती थी। प्यारे मियां बच्चियों को शराब पिलाकर उनका यौन शोषण करता था। हालांकि, 18 साल की होने के बाद पीड़ित की शादी वो अपने पैसे से करवा देता था। SIT ने प्यारे मियां को जुलाई 2020 में कश्मीर से गिरफ्तार किया था।
प्यारे मियां के घर से ये मिला था: पुलिस जब प्यारे मियां को तलाशती उसके घर पहुंची तो ठगी रह गई। घर नहीं बल्कि, वहां किसी डांस बार का नजारा था। महंगी विदेशी शराब का पूरा जखीरा मिला। इसके साथ पोर्नोग्राफी और कई तरह के आपत्तिजनक वीडियोज मिले।