Jabalpur. भोपाल के मशहूर प्रिंसी जैन हत्याकाण्ड में निचली अदालत से उम्रकैद की सजा पा चुके अभियुक्त सुलभ जैन द्वारा सजा के खिलाफ दायर की गई अपील पर हाईकोर्ट ने यह नजीर पेश करते हुए अपील को खारिज कर दिया कि ‘जब हत्याकाण्ड दिनदहाड़े हुआ हो और वारदात के चश्मदीद गवाह हों तो हत्या का मकसद मायने नहीं रखता‘। यह टिप्पणी मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस सुजय पाॅल व जस्टिस डी डी बंसल की बेंच ने की है।
हत्या का मकसद साबित न होने की दी थी दलील
सजायाफ्ता की ओर से निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर इस अपील में तर्क यह दिया गया कि पुलिस हत्या का कोई मकसद साबित नहीं कर पाई। बता दें कि 2009 में बीई प्रथम वर्ष की छात्रा प्रिंसी जैन को कोचिंग जाते वक्त आरोपी सौरभ जैन ने पीठ पर कट्टे से गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। मामले में प्रिंसी की सहेली शेफाली चश्मदीद गवाह थी। भोपाल जिला अदालत ने 2012 में आरोपी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।