SATNA: मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा में हुए एक फर्जी मुठभेड़ में यूपी पुलिस के एक दर्जन से अधिक अधिकारी पर नामजद एफआईआर दर्ज की गई है। 31 मार्च 2021 को दस्यु गौरी यादव गिरोह के सदस्य भालचंद्र को उत्तर प्रदेश एसटीएफ और जिला पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। मारे गए गिरोह के सदस्य भालचंद्र की पत्नी नथुनिया ने एनकाउंटर को फर्जी बताकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। भालचंद्र की पत्नी ने अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश डीडी एक्ट) की अदालत में 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था। प्रार्थना पत्र में भालचंद्र की पत्नी ने बताया कि पति भालचंद्र 31 मार्च 2021 को अपने भाई लालचंद्र के साथ सतना न्यायालय में पेशी पर गया था। वहाँ से लौटते समय सतना जिले के कोठी कस्बा के पास एसटीएफ के जवान मारपीट कर भालचंद्र को ले गए। यही नहीं भाई लाल चंद्र को एक जवान चित्रकूट की ओर ले गया।
शर्ट पर निशान नहीं, शरीर में गोली दगी थी
2021 की ही 31 मार्च की शाम जानकारी मिली कि चित्रकूट के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल के निर्देश पर गौरी गिरोह के साथ हुई मुठभेड़ में एसटीएफ, स्वाट टीम, बहिलपुरवा व मारकुंडी थाने की पुलिस ने उसके पति भालचंद्र को मार गिराया। शरीर पर बेरहमी से पीटे जाने के निशान थे। गोली भी नंगे बदन में मारी गई थी, क्योंकि उसकी शर्ट पर गोली लगने के निशान नहीं थे। इस पर अपर सत्र न्यायाधीश विनीत नारायण पांडेय की अदालत ने 07 अक्टूबर 21 को बहिलपुरवा थाना प्रभारी को रिपोर्ट दर्ज कर जांच के लिए कहा था पर पुलिस ने एफआईआर नहीं लिखी थी। पुलिस ने रिवीजन हाईकोर्ट में दायर की थी। हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया।
चित्रकूट विधायक ने की परिवार की मदद
मध्य प्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट विधान सभा क्षेत्र से विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने इस मामले में मृतक के परिवार की मदद की थी। पेशी से लौटते समय एसटीएफ और यूपी पुलिस ने भालचंद्र को उठाया था और उसके बाद जंगल में ले जाकर फर्जी एनकाउंटर करते हुए उसे अपनी सफलता के तौर पर प्रचारित किया था। जिस पर परिवार ने मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की थी। गौरतलब है कि भाल चंद्र सतना के पडवनिया थाना नयागांव (चित्रकूट) का निवासी था|
तत्कालीन एसपी, दो थानाअध्यक्ष पर एफआईआर
भालचंद्र के फर्जी एनकाउंटर मामले में अदालत ने एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा था। इस तत्कालीन एसपी चित्रकूट (यूपी) अंकित मित्तल, लखनऊ एसटीएफ के एसआई अमित कुमार तिवारी व संतोष कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल उमाशंकर, आरक्षी भूपेंद्र सिंह व शिवानंद शुक्ला, स्वाट टीम प्रभारी एसआइ श्रवण कुमार व अनिल कुमार साहू, हेड कांस्टेबल रईस खान, आरक्षी धर्मेंद्र कुमार, राहुल यादव, तत्कालीन थानाध्यक्ष बहिलपुरवा दीनदयाल सिंह, हमराही रामकेश कुशवाहा, तत्कालीन मारकुंडी थानाध्यक्ष रमेशचंद्र सहित तीन-चार अज्ञात लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है।