इंदौर. पुलिस दस दिन से ड्राइवर कृष्णेंद्र (driver krishnaendra) उर्फ बबलू को लापता समझ तलाश कर रही थी। जांच में उसकी हत्या का खुलासा हुआ है। बाणगंगा थाना पुलिस ने उसकी पत्नी सुनीता उर्फ सोनू को हिरासत में लिया है। उसी ने कृष्णेंद्र की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाई थी। आरोपी पत्नी ने दो युवकों की मदद से पति की हत्या की। हत्या के बाद हाथ-पैर काटकर फिकवा दिए थे। धड़ को उसने उसी घर में गाड़, जिसमें वह रहती है। पुलिस ने 25 फरवरी को घर में खुदाई कर धड़ को निकाल लिया है। पत्नी ने दाल-बांटी में नींद की गोलियां मिलाकर पति को खिलाई थी। इसके बाद पति की हत्या कर दी। हत्या में उसका बेटा भी शामिल था। महिला ने पति की हत्या के बाद बड़े बेटे और दो कसाइयों से शव के टुकड़े किए। आरोपी महिला और उसका बेटा रिमांड पर है। दोनों कसाइयों से महिला के अवैध संबंध होने की बात भी सामने आई है।
यह है पूरा मामला: डीसीपी जोन-3 धर्मेंद सिंह भदौरिया के मुताबिक गणेशधाम कॉलोनी निवासी 32 वर्षीय सुनीता एक कारखाने में काम करती है। उसके 18 और 16 वर्ष के दो बेटे हैं। उसने बताया कि कृष्णेंद्र ट्रक ड्राइवर था। वह जब भी घर आता, शराब के नशे में उसके साथ मारपीट करता था। चरित्र शंका में कृष्णेंद्र ने कई बार उसे निर्वस्त्र कर पीटा था। परेशान होकर सुनीता ने दो युवकों के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी। शव को ठिकाने लगाने के लिए उसके हाथ और पैर अलग कर दिए। सुनीता ने धड़ तो नरवल स्थित घर (टापरी) में गाड़ दिया, जबकि हाथ-पैर युवकों से कहीं और फिकवा दिए। हत्या में शामिल दोनों युवक जूनी इंदौर क्षेत्र में मटन शॉप पर काम करने वाले बताए जा रहे हैं। टीआइ राजेंद्र सोनी के मुताबिक सुनीता से पूछताछ चल रही है। बड़ा बेटा प्रशांत (19) नशे का आदी है। उसी ने नशे की हालत में मां की करतूत दोस्तों के सामने उजागर की थी। धड़ को घर के पास दफना दिया। हाथ और पैर जंगल में फेंक दिए। आरोपी महिला और उसका बेटा रिमांड पर है। पुलिस ने आरोपी कसाई रिजवान कुरैशी और भय्यू कुरैशी को गिरफ्तार कर लिया है।
बेटे ने ये कहा: पुलिस के मुताबिक सुनीता का दीपमाला ढाबे के पास नरवल में पैतृक मकान है। कृष्णेंद्र की अनुपस्थिति में दोनों युवकों का सुनीता के पास आना-जाना रहता था। एक बार पति ने दोनों को देख लिया था, जिसके बाद उसने सुनीता के साथ मारपीट की थी। बेटे ने इसकी पुष्टि की और कहा कि पिता मां को पीटता था। हत्या के बाद सुनीता गणेशधाम कॉलोनी वाला मकान छोड़कर आठ दिन पहले नरवल में रहने चली गई। पुलिस ने शव निकालने के लिए खोदाई करवाई।
पुलिस को ऐसे शक हुआ था: पुलिस के अनुसार सुनीता ने 14 फरवरी को कृष्णेंद्र की गुमशुगदी दर्ज करवाई थी। उसने कहा था कि पति 7 फरवरी से लापता है। पुलिस भी ट्रक चालक समझ खानापूर्ति करती रही। दो दिन पूर्व नरवल से खबर आई कि सुनीता ने घर में प्लास्टर करवाया है। यहां कुछ गड़बड़ है। एसआई स्वराज डाबी और श्रद्धा यादव ने जांच कर सुनीता को हिरासत में लिया। पूछताछ में वह टूट गई और आरोपों को स्वीकार लिया। कृष्णा उर्फ बबलू को उसके भाई प्रवेंद्र ने मुखाग्नि दी।