DELHI. दिल्ली के कंझावला केस में आरोपियों ने कबूल किया है कि उन्हें पता था कि अंजलि कार के नीचे फंसी हुई है। उन्होंने कार को कई बार यू-टर्न करने की कोशिश की। एक्सीडेंट के बाद वे काफी डर गए थे। इसलिए वे भाग गए। आरोपियों ने ये भी बताया कि कार में तेज म्यूजिक चलने की कहानी झूठी थी।
रात करीब 1.30 बजे हुआ था अंजलि का एक्सीडेंट
31 दिसंबर को रात करीब डेढ़ बजे अंजलि का एक्सीडेंट हुआ था। अंजलि स्कूटी से अपने घर लौट रही थी और एक कार ने उसे टक्कर मार दी थी। कार सवार 5 युवक हादसे के बाद भाग गए थे। हादसे के बाद अंजलि कार के नीचे फंस गई थी। आरोपियों ने करीब 12 किलोमीटर तक अंजलि को घसीटा था। रोड पर घसीटने से अंजलि की हड्डियां तक छिल गईं थीं। इससे पहले 4 किलोमीटर तक घसीटने की बात सामने आई थी।
हादसे के वक्त अंजलि की दोस्त निधि भी साथ थी
खुलासा हुआ कि हादसे के वक्त अंजलि की दोस्त निधि भी उसके साथ थी। टक्कर में उसे भी मामूली चोटें आईं और वो मौके से भाग गई थी। निधि ने बताया था कि वो हादसे के बाद काफी डर गई थी और घर चली गई थी।
गांजा तस्करी की आरोपी निधि
अंजलि की दोस्त निधि को लेकर आगरा में उसके वकील ने बताया कि निधि पिछले 8 महीने से गांजा तस्करी के केस में कोर्ट में पेश नहीं हुई। निधि ने उसके वकील से कोई संपर्क भी नहीं किया। पहले तो वो फोन पर तारीख लेने के लिए कह देती थी लेकिन अब उसने काफी वक्त से फोन नहीं किया।
गांजा तस्करी करते हुए निधि को जीआरपी ने किया था गिरफ्तार
आगरा में गांजा तस्करी करते हुए निधि को जीआरपी को पकड़ा था। दिल्ली हादसे की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने रिकॉर्ड खंगाले थे। मालूम चला कि 6 दिसंबर 2020 को आगरा के कैंट स्टेशन पर निधि को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसे जेल भी भेजा गया था।
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भाई को बचाने की साजिश रचने वाले आरोपी को जमानत
कंझावला केस में भाई और बाकी आरोपियों को छुपाने वाले आरोपी अंकुश खन्न को शनिवार को जमानत दे दी गई थी। कोर्ट ने 20 हजार रुपए के निजी मुचलके पर आरोपी को जमानत दी। जांच में जरूरत पड़ने पर अंकुश खन्ना को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। अंकुश खन्ना ने सुल्तानपुरी थाने में सरेंडर किया था। उसने पुलिस से झूठ कहा था कि हादसे के वक्त कार उसका भाई अमित खन्ना नहीं, बल्कि दीपक चला रहा था। हालांकि बाद में पता चला कि कार ड्राइविंग लाइसेंस के बिना अंकुश खन्ना का भाई अमित खन्ना ही चला रहा था।