GWALIOR. वह चाहता था कि उसके पास एक बड़ी गाड़ी हो और ऐश की जिंदगी जीये, लेकिन इसके लिए पैसे चाहिए थे। पैसे जुटाने के लिए उसने क्रिकेट का ऑनलाइन सट्टा खेलना शुरू किया। लेकिन यह दांव उल्टा पड़ गया और वह कर्जदार बन गया। कर्जदारों को पैसा देने के लिए उसने उसी कंपनी में लूट करवाई जिसमें वह नौकरी करता था। फुल प्रूफ प्लान होने के बाद भी आरोपी पुलिस से बच नहीं सका। सीसीटीवी कैमरे और आसपास ऑपरेट हुए ग्यारह सौ से ज्यादा मोबाइल की लोकेशन खंगालने के बाद आखिरकार सच सामने आया। पता चला कि लाखों की लूट का मास्टरमाइंड ही फरियादी था।
पूरी वारदात का सिलसिलेवार खुलासा
लूट की यह सनसनीखेज वारदात हुई ग्वालियर के डबरा में। 6 मई को अंशुल गुप्ता नामक युवक ने थाने पहुंचकर बताया कि वह अन्नपूर्णा फाइनेंस कंपनी में काम करता है। वह कलेक्शन का 11 लाख 77 हजार रुपए बैंक में जमा कराने जा रहा था, तभी दो हथियारबंद लुटेरों ने उसे लूट लिया। घटना के बाद जिले में सनसनी मची। जांच शुरू करते ही एडिशनल एसपी के सामने एक तथ्य प्रकाश में आया कि अंशुल काफी दिनों से आईपीएल क्रिकेट का सट्टा खेल रहा था और उसमें पैसे भी हारा था।
इस फैक्ट के बाद पुलिस ने तकनीकी जांच शुरू की। घटनास्थल के आसपास सक्रिय रहे ग्यारह सौ से ज्यादा मोबाइल नंबर और कॉल की मॉनिटरिंग हुई। सटोरियों और उनसे जुड़े लोगों से बात की गई और सीसीटीवी फुटेज इकट्ठे कर इनका बारीकी से अध्ययन हुआ। आखिरकार पुलिस समझ गई कि लूट की इस घटना के पीछे फरियादी अंशुल का ही हाथ है। पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म भी कबूल लिया।
आरोपी ने अपना गुनाह कबूला
अंशुल गुप्ता ने कबूला कि उसने ही अपने साथियों के साथ मिलकर खुद पर हमला कराकर लूट कराई थी। जिससे सट्टे में हारी रकम लौटा सके। अन्नपूर्णा फाइनेंस कंपनी का 6 दिन का कैश 11 लाख 77 हजार रुपये बैंक में जमा करते समय लूट की रिपोर्ट अंशुल ने लिखवाई थी। उसने बताया कि इस रकम में से 6 लाख 20 हजार रुपए ही बचे थे, बाकी सट्टे में हार गया था। लूट के अपराध का खुलासा करने में पुलिस ने 272 सीसीटीवी फुटेज, लगभग ग्यारह सौ मोबाइल नंबर और 50 से ज्यादा संदेहियों से पूछताछ की। आरोपियों से एक कार, एक मोटर सायकिल, 2 लाख 30 हजार रुपए नगद सहित एक 315 बोर का कट्टा बरामद हुआ है।