चेतन पाटीदार की मौत की जांच के लिए इंडेक्स पहुंचे एसआईटी अफसर, जुटाए सबूत

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Lalit Upmanyu
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चेतन पाटीदार की मौत की जांच के लिए इंडेक्स पहुंचे एसआईटी अफसर, जुटाए सबूत



indore.इंडेक्स कॉलेज के छात्र चेतन पाटीदार की मौत के मामले में एसआईटी जांच में तेजी आ गई है। मंगलवार को जहां टीम ने परिजनों के बयान लिए वहीं, बुधवार को एसआईटी के तीनों



अफसरों ने इंडेक्स कॉलेज पहुंचकर कुछ सबूत जुटाए और कुछ लोगों के बयान लिए। अब दो आरोपी छात्रों के अलावा उन दो छात्रों के बयान होंगे जिनके नाम परिजनों ने बताए हैं।



छात्र चेतन पाटीदार 30 मार्च को कॉलेज के होस्टल में फंदे पर लटका मिला था। इसके बाद पुलिस ने तृतीय वर्ष के छात्र रोमिल सिंह और दुर्गेश हाड़ा के अलावा कॉलेज के डीन जी.एस. पटेल के खिलाफ केस  दर्ज किया था। दोनों छात्रों की गिरफ्तारी हो गई है लेकिन डीन को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। वहीं परिजनों ने दो अन्य छात्रों के नाम भी पुलिस को बताए हैं, उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पहले जांच खुड़ैल थाने की पुलिस कर रही थी लेकिन हाल में एसआईटी गठित कर दी गई।





कॉलेज पहुंची एसआईटी





सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को एसआईटी ने चेतन के परिजनों को महू बुलाकर बयान लिए । जांच का बड़ा हिस्सा इस पर टिका है कि क्या चेतन ने होस्टल छोड़ने के लिए डीन से मिलकर आग्रह



किया था कि वो रैगिंग से परेशान है और हॉस्टल छोड़ना चाहता है। परिजनों का कहना है कि चेतन आवेदन लेकर गया था लेकिन उसे यह कहकर लौटा दिया गया था कि कम से कम सालभर तो तुम्हें यहीं रहना  पड़ेगा। वहीं कॉलेज की तरफ से शुरुआत में यही बयान आया था कि वो डीन से मिला ही नहीं। एसआईटी इन्हीं बयानों की तस्दीक कर सबूत जुटा रही है। बुधवार को एसआईटी के तीनों अफसर इंडेक्स कॉलेज पहुंचे और कुछ जूनियर छात्रों के बयान लिए। उन्होंने वहां से कुछ फुटेज, डीवीडी आदि भी जुटाएं हैं। जिन दो छात्रों की गिरफ्तारी हो चुकी है, उन्हें फिर से बयान देने के लिए बुलाया है, इनके अलावा दो अन्य छात्रों को भी बुलाया है। परिजनों ने इन दोनों छात्रों के नाम बताए हैं। उनका कहना है कि चेतन की प्रताड़ना में ये भी शामिल थे। 





सीएम तक पहुंच चुका है मामला





जिस दिन से चेतन की मौत हुई है उसके बाद से परिजन और पाटीदार समाज के लोग लगातार न्याय के लिए भागदौड़ कर रहे हैं। दो बार वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मिल चुके हैं। उसके बाद ही  एसआईटी का गठन हुआ। इसके अलावा परिजनों ने कम से आधा दर्जन शिकायतें सीएम हेल्प लाइन पर भी कर रखी हैं। 



 



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