जांच में खुलासा- कार के अगले पहिए में फंसी थी युवती, आरोपियों को टक्कर मारने का पता था, 2.5km तक घसीटने के बाद पीड़ित का हाथ दिखा

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Atul Tiwari
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जांच में खुलासा- कार के अगले पहिए में फंसी थी युवती, आरोपियों को टक्कर मारने का पता था, 2.5km तक घसीटने के बाद पीड़ित का हाथ दिखा

NEW DELHI. दिल्ली के कंझावला मामले में नए मोड़ आ रहे हैं। 4 जनवरी को केस में गृह मंत्रालय के आदेश पर बनी जांच कमेटी ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को रिपोर्ट सौंप दी। इसके मुताबिक, 13 किलोमीटर के रूट पर 5 पीसीआर वैन तैनात थीं। 5 से 6 पीसीआर कॉल हुईं। चश्मदीद दीपक से 20 से ज्यादा बार पुलिस अफसरों ने बात की थी। उसके बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए कुल 9 पीसीआर वैन को लगाया गया। आरोपियों को लोकल पुलिस भी खोज रही थी, लेकिन फिर भी दिल्ली पुलिस मौके से आरोपियों को नहीं पकड़ पाई।



मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये भी पता चला- आरोपी जानते थे कि उन्होंने स्कूटी सवार लड़की को टक्कर मारी है। उन्होंने दो-तीन बार लड़की (अंजलि सिंह) को कार आगे पीछे कर कुचला। आरोपियों ने करीब ढाई किलोमीटर घसीटने के बाद लड़की का हाथ देखा था। आरोपियों को कार में कुछ अटका होने का आभास हुआ था। उन्होंने बाहर देखा तो लड़की का हाथ दिखा, लेकिन रास्ते में खड़ी एक पीसीआर वैन को देखकर फिर युवती को घसीटने लगे। युवती को गिराने के लिए कार से चार बार से ज्यादा यू-टर्न लिया था। महज 24 सेकंड में यह दर्दनाक दुर्घटना हुई। इस दौरान कार चार सुल्तानपुरी, अमन विहार, प्रेम नगर और कंझावला थाना इलाके से गुजरी।



चश्मदीद ने बताया था- कार में शव लटका है



रिपोर्ट के मुताबिक, मामले में पहली पीसीआर कॉल रात 2.18 बजे मिली। इसमें एक शख्स ने दुर्घटना के बारे में जानकारी दी। दूसरी पीसीआर कॉल रात 2.20 पर मिली, यह भी दुर्घटना के बारे में थी। इसके बाद दो पीसीआर कॉल 3.24 बजे के आसपास आई। इसमें चश्मदीद दीपक ने बताया कि कार में किसी का शव लटका है। फिर तड़के 4.26 बजे और 4.27 बजे साहिल नाम के शख्स ने दो पीसीआर कॉल कर बताया कि सड़क पर एक महिला का शव पड़ा है। उस रास्ते पर कुल 5 पीसीआर वैन थीं, लेकिन सीरियस कॉल को देखते हुए 9 पीसीआर वैन को लगाया गया, फिर भी कोई पीसीआर कार को नहीं खोज पाई, क्योंकि दावा किया जा रहा है कि रात में धुंध थी और पीसीआर के पहुंचने के पहले कार निकल जा रही थी, जबकि पीसीआर का रिस्पॉन्स टाइम ठीक था।



पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं



पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि अंजलि की मौत घसीटने से हुई। उसके प्राइवेट पार्ट पर भी किसी तरह के चोट के निशान नहीं मिले। रिपोर्ट के मुताबिक, सिर, रीढ़ और निचले अंगों में चोट के चलते खून बहने और सदमे से उसकी मौत हुई है। ये सभी चोटें संभवतया वाहन दुर्घटना और घसीटने से हुईं। रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है, अभी फाइनल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आनी बाकी है। 



दिल्ली के अपराधों का लंबा इतिहास



अपराधों से दिल्ली कई बार दहलती रही है। 2 जुलाई 1995 को गोल मार्केट के सरकारी फ्लैट नंबर 8/2ए में रात के साढ़े आठ बजे यूथ कांग्रेस के पूर्व नेता सुशील शर्मा ने पत्‍नी नैना साहनी को किसी से फोन पर बात करते हुए देखा था। सुशील को देखते ही नैना ने फोन काट दिया था। जब सुशील ने वह नंबर डायल किया तो दूसरी तरफ उसका क्लासमेट करीम मतबूल था। सुशील गुस्‍से से आगबबूला हो गया और सच्‍चाई का पता लगाए बिना उसने रिवाल्‍वर से नैना पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। नैना ने तुरंत दम तोड़ दिया। इसके बाद नैना की लाश ठिकाने लगाने के लिए सुशील को जब कुछ नहीं सूझा तो अपने बगीचे के रेस्‍तरां के तंदूर में लाश को जला दिया। 



16 दिसंबर, 2012 का निर्भया कांड। 23 साल की फिजियोथिरेपिस्‍ट निर्भया अपने एक दोस्‍त के साथ साउथ दिल्‍ली के एक थियेटर से 'Life Of Pi' फिल्‍म देखकर लौट रही थी। दोनों मुनिरका में एक ऑटो-रिक्‍शा का इंतजार कर रहे थे। दोनों को द्वारका जाना था, जहां उनका घर था। तभी वहां एक ऑफ-ड्यूटी चार्टर बस आती है। उसमें ड्राइवर समेत 6 लोग थे। वो सब शराब के नशे में धुत थे और निर्भया के साथ बदतमीजी करने लगे। निर्भया के दोस्‍त पर रॉड से वार कर उसे बेहोश कर दिया। उसके बेहोश होते ही दरिंदे निर्भया को चलती बस के पिछले हिस्‍से में ले गए और बारी-बारी से रेप किया। उनमें से एक अपराधी जो नाबालिग था, उसने जंग लगा लोहे का एक सरिया निर्भया के प्राइवेट पार्ट में डाल दिया। निर्भया की आंतें फट गई थीं। निर्भया को सिंगापुर के अस्‍पताल में शिफ्ट किया गया, जहां वह 29 दिसंबर की रात जिंदगी की जंग हार गई। सभी आरोपियों को जल्‍द पकड़ लिया गया। एक नाबालिग के अलावा, राम सिंह नाम का बस ड्राइवर था जिसने ट्रायल के दौरान तिहाड़ जेल में सुसाइड कर लिया। बाकी चारों आरोपियों- मुकेश सिंह, विनय गुप्‍ता, पवन गुप्‍ता और अक्षय ठाकुर का ट्रायल पूरा हुआ और उन्‍हें 2013 में मौत की सजा सुनाई गई। सुप्रीम कोर्ट ने भी फांसी की सजा बरकरार रखी। दोषियों को 20 मार्च 2020 को फांसी दे दी गई।



नवंबर 2022 में श्रद्धा वालकर की मौत की बात सामने आई। पता चला कि उसके बॉयफ्रेंड आफताब पूनावाला ने मई में उसका कत्ल कर लाश के 35 टुकड़े कर दिए थे। 6 महीने तक वारदात का पता नहीं चला। श्रद्धा और आफताब दोनों मुंबई से दिल्ली आए थे। दोनों लिव इन में रह रहे थे। श्रद्धा, आफताब पर शादी का दबाव बना रही थी। आफताब गिरफ्तार है।



4 जनवरी 2023 को एक और मामला के सीसीटीवी फुटेज सामने आए। दिल्ली के आदर्शनगर इलाके में दोस्ती तोड़ने पर नाराज युवक ने अपनी दोस्त को चाकू से गोद डाला। लड़के ने 6 वार किए। 2 जनवरी को वारदात सीसीटीवी कैमरे में दर्ज हो गई थी, 4 जनवरी को इसका फुटेज सामने आया। लड़की को जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत स्थिर है। आरोपी का नाम सुखविंदर है, जिसे हरियाणा के अंबाला से अरेस्ट कर लिया गया।


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